अर्थव्यवस्था की हालत पर बोले सुशील मोदी, सावन-भादो में हर साल रहती है मंदी
क्या है खबर?
अर्थव्यवस्था में मंदी के बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ऐसी बात कही है, जो विवाद का केंद्र बन सकता है।
सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि सावन-भादो के महीने में हर साल मंदी रहती है, लेकिन विपक्षी पार्टियां इसका शोर मचाकर चुनाव में अपनी हार की खीझ उतार रही हैं।
बता दें कि शुक्रवार को आई रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की GDP विकास दर मात्र 5 प्रतिशत रही।
ट्वीट
सुशील मोदी बोले, मंदी का शोर करके चुनावी पराजय की खीझ उतार रहा विपक्ष
बिहार में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता सुशील मोदी ने एक तस्वीर ट्वीट की है जिसमें उन्होंने कहा है, "वैसे तो हर साल सावन-भादो (हिंदू कलैंडर में पांचवां और छठवां महीना) में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचा कर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं।"
उन्होंने लिखा है, "बिहार में मंदी का असर नहीं है इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है।"
सरकार के प्रयास
अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का किया जिक्र
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया है।
उन्होंने लिखा है, "केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।"
घोषणा
शुक्रवार को हुई बैंकों के विलय की घोषणा
बता दें कि शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों का विलय करके चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी।
मोदी राज में बैंकों के विलय का ये तीसरा चरण था और इसके साथ ही सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है।
जिस समय सीतारमण इन बैंकों के विलय की घोषणा कर रहीं थीं, उसी समय अप्रैल-जून तिमाही में GDP विकास दर 5 प्रतिशत रहने की रिपोर्ट आई थी।
जानकारी
आर्थिक संकट के पहले से मिल रहे थे संकेत
अर्थव्यवस्था के संकट में होने के इशारे पिछले काफी समय से मिल रहे थे। ऑटो सेक्टर विशेष तौर पर इसकी चपेट में आया है और इसमें अप्रैल से लेकर अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं।
खामी
इसलिए गले नहीं उतरता सुशील मोदी का बयान
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत विपक्ष के तमान नेताओं ने इसके लिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो कृषि और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट को रोकने में असफल रही है।
इस बीच सुशील मोदी का ये बयान आया है।
सावन-भादो में हर साल मंदी रहने का उनका ये देखते हुए गले नहीं उतरता कि पिछले साल इसी तिमाही (अप्रैल-जून) में GDP विकास दर 8 प्रतिशत रही थी।