हिमाचल प्रदेश: चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, भाजपा में शामिल हुए 26 नेता
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से चंद दिन पहले कांगेस को राज्य में बड़ा झटका लगा है और सोमवार को उसके 26 नेता भाजपा में शामिल हो गए। ये नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए उनका अपनी पार्टी में स्वागत किया है। पार्टी बदलने वाले नेताओं में कांग्रेस महासचिव धरमपाल ठाकुर, पूर्व सचिव आकाश सैनी, पूर्व पार्षद राजन ठाकुर और पूर्व जिला उपाध्यक्ष अमित मेहता आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर बोले- रिवाज बदल रहा है
कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद ट्विटर करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लिखा, '"रिवाज बदल रहा है", आज शिमला के कांग्रेस पार्टी के पूर्व पदाधिकारियों सहित कई साथियों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थामा। भाजपा परिवार में आप सभी का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन। आइए भाजपा की ऐतिहासिक जीत के लिए एकजुटता के साथ कार्य करें।' उन्होंने पार्टी बदलने वाले नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें भी शेयर की हैं।
हिमाचल में शनिवार को होनी है विधानसभा चुनाव की वोटिंग
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की सभी 68 सीटों पर एक ही चरण में 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे जारी किए जाएंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है, हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री ने मुकाबले को कुछ हद तक त्रिकोणीय बना दिया है। अभी राज्य में भाजपा की सरकार है और वह सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी है।
ये हैं चुनाव के अहम मुद्दे
हिमाचल चुनाव के मुख्य मुद्दों की बात करें तो बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। राज्य में लगभग 15 लाख युवा बेरोजगार हैं और यहां बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) भी चुनाव में एक अहम मुद्दा रहने वाला है और सरकारी कर्मचारी इसे बहाल करने की मांग कर रहे हैं। सेब के किसानों की दुर्दशा, सड़कों की कमी और अग्निपथ योजना अन्य ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आम जनता का जोर है।
कांग्रेस और भाजपा ने अपने घोषणापत्रों में की मुद्दों को भुनाने की कोशिश
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने घोषणापत्रों में इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश की है। जहां कांग्रेस ने पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है, वहीं भाजपा ने आठ लाख रोजगार देने की बात कही है। कांग्रेस ने OPS को वापस लागू करने, सेब के लिए MSP घोषित करने और सड़कों के निर्माण में तेजी लाने का वादा भी किया है। इसी तरह भाजपा ने हर गांव तक सड़क पहुंचाने का वादा किया है।