पंजाब: पटियाला शहर से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अमरिंदर सिंह, उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के 22 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में अमरिंदर का नाम भी शामिल है और वह उनका गढ़ माने जाने वाली पटियाला शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे। वे चार बार यहां से विधायक रह चुके हैं और अभी भी यहीं से विधायक हैं। उनकी पत्नी प्रणीत कौर भी 2014 से 2017 तक यहां से विधायक रह चुकी हैं।
किस समुदाय से कितने उम्मीदवारों को मिली टिकट?
अमरिंदर ने आज उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है, उनमें उनके अलावा आठ जाट सिख और शामिल हैं। हिंदू समुदाय के पांच, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तीन और अनुसूचित जाति (SC) के चार उम्मीदवारों को टिकट दी गई है। फर्जाना आलम खान पहली सूची में शामिल एकमात्र महिला और मुस्लिम उम्मीदवार हैं। वह पंजाब के पुलिस प्रमुख रह चुके दिवंगत इजहार आलम खान की पत्नी हैं और मालवा क्षेत्र की मलेरकोटला सीट से उम्मीदवार हैं।
भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं अमरिंदर
बता दें कि कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले अमरिंदर सिंह भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस गठबंधन में उन्हें राज्य की 117 सीटों में से 37 सीटें मिली हैं। इनमें से 26 सीटें मालवा इलाके में हैं जिसे अमरिंदर सिंह का मजबूत गढ़ माना जाता है। सिंह को माझा इलाके में सात और दोआबा में चार सीटें मिली हैं। उन्हें पांच सीटें और मिल सकती हैं।
सिद्धू से टकराव के बाद अमरिंदर को छोड़नी पड़ी थी कांग्रेस
बता दें कि सिद्धू से टकराव के कारण अमरिंदर सिंह को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी और कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था। इसके बाद सिंह ने कांग्रेस से ही इस्तीफे दे दिया और पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी नई पार्टी बना ली। कांग्रेस से इस्तीफा देते वक्त उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर पाकिस्तान के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाले सिद्धू को संरक्षण देने का आरोप लगाया था।
पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में एक चरण में ही 20 फरवरी को चुनाव होगा और 10 मार्च को नतीेजे घोषित किए जाएंगे। पंजाब में कांग्रेस जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) और अकाली दल पिछली हार को भूलकर सत्ता में आने के प्रयास कर रही हैं। अमरिंदर और भाजपा के गठबंधन को भी नकारा नहीं जा सकता है और वे किसी भी पार्टी का खेल खराब करने का माद्दा रखते हैं।