शिवसेना की प्रधानमंत्री मोदी से मांग, श्रीलंका की तरह राष्ट्रहित में बु्र्के पर लगाएं प्रतिबंध
केंद्र शासित भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने बुधवार को अपने मुखपत्र 'सामना' में एक ऐसी मांग कर दी, जो विवाद का केंद्र बन सकती है। शिवसेना ने 'सामना' में संपादकीय लिखते हुए श्रीलंका की तर्ज पर बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। 21 अप्रैल को हुए बम धमाकों में 250 से अधिक लोगों की मौत के बाद श्रीलंका ने बुर्का, नकाब या किसी भी अन्य तरीके से चेहरा ढकने पर पाबंदी लगा दी है।
शिवसेना का सवाल, रावण के देश में प्रतिबंध तो श्रीराम के देश में क्यों नहीं?
शिवसेना ने संपादकीय को 'प्रधानमंत्री मोदी से सवाल: रावण की लंका में हुआ, राम की अयोध्या में कब होगा' शीर्षक दिया है। जैसा की शीर्षक से साफ है, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया गया है कि जब रावण के देश श्रीलंका में बुर्के पर प्रतिबंध लग सकता है तो श्रीराम के देश भारत में क्यों नहीं। शिवसेना ने फ्रांस, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हुए कहा है कि अधिकांश मुस्लिम महिलाएं भी बुर्के के खिलाफ हैं।
शिवसेना ने कहा, इस्लामी आतंकवाद से पीड़ित भारत
शिवसेना ने कहा है कि जिस इस्लामी आतंकवाद ने कोलंबो में 500 से अधिक मासूमों की जान ली, वैसे ही इस्लामी आतंकवाद से भारत, विशेषकर जम्मू-कश्मीर त्रस्त है। संपादकीय में सवाल किया गया है कि अन्य देशों की तरह हम कब बुर्के पर प्रतिबंध जैसा कदम उठाने वाले हैं। अंत में प्रधानमंत्री मोदी से श्रीलंका की तरह राष्ट्रहित में बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
क्या है शिवसेना की राजनीति?
शिवसेना ने मराठों की राजनीति के जरिए महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी जगह बनाई थी। राष्ट्रीय राजनीति में अपना दबदबा बढ़ाने के मकसद से पार्टी ने हिंदुत्व की राजनीति करना शुरु किया। हालांकि इसमें उसे बेहद कम सफलता हासिल हुई।
हिंदू सेना ने भी की थी मांग
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को दक्षिणपंथी समूह 'हिंदू सेना' ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का, नकाब और चेहरा ढकने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने गृह सचिव राजीव गौबा को लिखे पत्र में कहा था, 'श्रीलंका जैसे हमले रोकने के लिए हम आपसे तुरंत नीतियां बनाने का अनुरोध करते हैं। चेहरा ढककर आतंकी CCTV कैमरों से अपनी पहचान छुपाने में कामयाब रहते हैं। '
क्या है बुर्के पर प्रतिबंध की पूरा बहस?
भारत सहित पूरे विश्व में बुर्का या नकाब पर प्रतिबंध की मांग कोई नई नहीं है। आतंकवादी हमलों के अलावा इस पर प्रतिबंध लगाए जाने के समर्थन में सबसे बड़ा तर्क यह दिया जाता है कि यह महिला विरोधी है। कई धार्मिक उदारवादी देशों ने इस आधार पर भी बुर्के पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि कई इस्लामी संगठन और मुस्लिम महिलाएं इसे अपनी संस्कृति और पहचान का प्रतीक बताते हुए बुर्के पर प्रतिबंध का विरोध करती हैं।