राहुल गांधी ने वायनाड सीट से दाखिल किया नामांकन, साथ मौजूद रहीं बहन प्रियंका गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज केरल की वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। राहुल के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। बता दें कि यह पहली बार है जब राहुल उत्तर प्रदेश के अमेठी से बाहर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, अमेठी से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी आज से 2 दिन के अमेठी दौरे पर होंगी। वह 2014 में भी यहां से राहुल के खिलाफ लड़ी थीं।
समर्थकों ने किया राहुल का जोरदार स्वागत
राहुल गांधी बुधवार को ही कोझिकोड पहुंच गए थे, जहां सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया था। कांग्रेस और उसकी सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के झंडे लेकर आए समर्थकों ने उनके एयरपोर्ट पहुंचते ही जोरदार नारे लगाए। राहुल ने हाथ हिलाकर उनका शुक्रिया अदा किया। वहीं, प्रियंका राहुल के कुछ देर बाद कोझिकोड पहुंची। बाद में दोनों भाई-बहन एक सुरक्षित रास्ते के जरिए एयरपोर्ट से गेस्ट हाउस के लिए रवाना हो गए।
मेरे साहसी भाई का ख्याल रखें- प्रियंका
नामांकन दाखिल करने के बाद राहुल ने किया रोड शो
राहुल ने नामांकन दाखिल करने के बाद एक बड़ा रोड शो किया। उनके साथ प्रियंका गांधी भी मौजूद थी। स्थानीय कार्यकर्ता राहुल के यहां से चुनाव लड़ने से उत्साहित हैं और उनकी उम्मीद है कि इसका असर तमिलनाडु और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। बता दें कि काफी दिनों के कयास के बाद कांग्रेस ने रविवार को राहुल के अमेठी के साथ-साथ वायनाड सीट से भी लड़ने का ऐलान किया था।
राहुल का रोड शो
राहुल ने कहा था, मोदी से शत्रुता महसूस करता है दक्षिण भारत
इससे पहले राहुल ने कहा था कि दक्षिण भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शत्रुता महसूस करता है और यही कारण है कि उन्होंने यहां के वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि वह उनके साथ खड़े हैं।
इस कारण दक्षिण भारत से चुनाव लड़ रहे हैं राहुल गांधी
बता दें कि राहुल दक्षिण भारत की वायनाड सीट से इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं ताकि वह इसके जरिए पूरे दक्षिण भारत को साध सकें। इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। अभी केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 8 कांग्रेस के पास है और राहुल इस आंकड़े को सुधारने के साथ-साथ पूरे दक्षिण भारत में पार्टी को फिर से मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इंदिरा और सोनिया भी दक्षिण भारत से लड़ चुकी हैं चुनाव
राहुल से पहले उनकी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी भी दक्षिण भारत से चुनाव लड़ चुकी हैं और इसका सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ था। दरअसल, दक्षिण भारत में लोगों की हमेशा यह चाह रही है कि दिल्ली की सीट पर उनके यहां से जाने वाले किसी व्यक्ति का कब्जा हो। गांधी परिवार को सदस्य हमेशा ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार रहता है, इसलिए उनके यहां से लड़ने पर कांग्रेस पार्टी को हमेशा फायदा होता है।