लोकसभा चुनाव: मोदी के खिलाफ सतरंगी उम्मीदवार, पूर्व सैनिक के बाद अब 'गैंगस्टर' ने भरा पर्चा
क्या है खबर?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने से पीछे हट गई हों, लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो उनके खिलाफ लड़ने को आतुर हैं।
किसानों से पूर्व सैनिकों तक, इस बार उनके मुकाबले में कई रोचक उम्मीदवार हैं।
इस सूची में एक गैंगस्टर का भी नाम जुड़ गया है, हालांकि कोर्ट ने उसे चुनाव लड़ने के लिए जमानत नहीं दी।
हम किसकी बात कर रहे हैं, आइए जानते हैं।
नामांकन
भतीजे ने किया नामांकन
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अतीक अहमद इलाहाबाद की नैनी जेल में बंद हैं।
उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी और कोर्ट से प्रचार के लिए तीन हफ्ते की जमानत मांगी थी।
हालांकि, विशेष अदालत ने सोमवार को उनकी इस अर्जी को खारिज कर दिया।
इसके बाद उनके भतीजे और प्रतिनिधियों ने उनकी तरफ से नामांकन दाखिल किया।
वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
जानकारी
किसान और पूर्व सैनिक भी मैदान में
इससे पहले तमिलनाडु के 111 किसान वाराणसी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं, सुरक्षा बलों को मिलने वाले खराब खाने का मुद्दा उठाने वाले पूर्व BSF जवान तेज बहादुर यादव भी सपा के टिकट पर उनके खिलाफ मैदान में उतरे हैं।
परिचय
कौन हैं अतीक अहमद?
बता दें कि गैंगस्टर अतीक अहमद फूलपुर से समाजवादी पार्टी सांसद रह चुके हैं।
उनके खिलाफ अपहरण, जमीन पर कब्जा, फर्जी व्यक्ति से बैनामा, जानलेवा हमले आदि से संबंधित 26 मामले चल रहे हैं।
23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक कारोबारी के अपहरण और प्रताड़ना के मामले में उनके खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए थे।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उनका नैनी जेल से गुजरात की जेल में तबादला करने का आदेश भी जारी किया था।
राजनीतिक सफर
15 साल पहले मिली थी आखिरी चुनावी जीत
अहमद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पश्चिम इलाहाबाद विधानसभा सीट से की थी।
उन्होंने इस सीट से लगातार 5 बार (1989, 1991, 1996, 2002, 2004) जीत दर्ज की।
इसका कारण सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की बड़ी तादाद को माना गया।
इसके बाद 2004 में उन्होंने फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
उन्होंने 2009 में प्रतापगढ़ और 2014 में श्रावस्ती से भी लोकसभा चुनाव लड़ा, जिनमें दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
जानकारी
वाराणसी से चुनाव लड़ने का कारण
अतीक अहमद प्रधानमंत्री मोदी को कोई टक्कर दे पाएंगे, इसकी संभावना न के बराबर है। उनके वाराणसी से लड़ने का सबसे अहम कारण अपने राजनीतिक विरोधियों को यह संदेश देना है कि उनकी पारी का अभी अंत नहीं हुआ है।