महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: शिवसेना के साथ मतभेद, अमित शाह ने की नौ घंटे की मैराथन बैठक
क्या है खबर?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी शिवसेना में मतभेद जारी हैं।
गुरुवार को इसे लेकर गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ दिल्ली में नौ घंटे की मैराथन बैठक की।
खबरों के अनुसार, शिवसेना अपने लिए कम से कम 126 सीटें चाहती है, लेकिन भाजपा उसे 120 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है।
अंतिम फैसले की घोषणा 28 सितंबर के बाद होगी।
बैठक
बैठक में इस फॉर्मूले पर हुआ विचार विमर्श
अमित शाह के साथ हुई इस बैठक में फडणवीस के अलावा महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और राज्य कोर समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।
बैठक में शिवसेना को 126 सीटें देने और भाजपा के 162 सीटें पर लड़ने के फॉर्मूले पर विचार विमर्श किया गया।
इस फॉर्मूले के मुताबिक, भाजपा बाकी छोटे सहयोगियों को मिलाकर मात्र आठ सीटें देने को तैयार है और इन उम्मीदवारों को भी भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर लड़ाया जाएगा।
मतभेद
इन मुद्दों पर फंसा हुआ है पेंच
बता दें कि शिवसेना पहले चाहती थी कि उसे भाजपा के बराबर 135 सीटें मिलें और बाकी सीटें छोटे सहयोगियों को दी जाएं।
लेकिन अंतिम दौर की बातचीत के बाद शिवसेना अपने लिए न्यूनतम 126 सीट के फॉर्मूले पर तैयार हो गई। वहीं भाजपा उसे 120 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है।
इसके अलावा नवी मुंबई, विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र और मुंबई की 8-10 सीटों को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है जिन्हें शिवसेना अपने लिए चाहती है।
बयान
"अमित शाह ने हर सीट पर की चर्चा"
महाराष्ट्र भाजपा के एक नेता ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया, "पार्टी अध्यक्ष (अमित शाह) ने कोर समिति के साथ हर सीट पर चर्चा की, इसलिए इसमें इतना अधिक समय लगा। अधिकतर उम्मीदवार निर्धारित हो गए हैं। 20 प्रतिशत सीटों पर हमारे पास एक से अधिक उम्मीदवार हैं। हमारे 10-15 प्रतिशत उम्मीदवार बदले जाएंगे।"
उन्होंने बताया कि फडणवीस शाह के साथ बैठक करके सीटों के बंटवारे के फॉर्मूलों को अंतिम रूप देंगे।
जानकारी
उद्धव ठाकरे को शाह का फैसला बताएंगे फडणवीस
अमित शाह के साथ बैठक में जो भी फैसला होगा, फडणवीस उसके बारे में उद्धव ठाकरे को बताएंगे। इसके बाद ही गठबंधन में लड़ने और सीटों के बंटवारे पर कुछ तय होगा। इस पर 28 सितंबर के बाद घोषणा होगी।
अकेले दम पर बहुमत
इसलिए अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है भाजपा
बता दें कि अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के पीछे भाजपा का मकसद अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल करने का है।
पार्टी खुद बहुमत हासिल करके शिवसेना जैसे सहयोगियों से पीछा छुड़ाना चाहती है जो आए दिन उसकी आलोचना करती रहती है।
भाजपा नेताओं को भरोसा है कि अगर अकेले भी चुनाव लड़ना पड़ा तो भारी संसाधनों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बलबूते पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल कर सकती है।
जानकारी
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को मतदान, 24 को परिणाम
महाराष्ट्र विधासनभा की 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा। नतीजे 24 अक्टूबर को आएगा। राज्य की दो मुख्य विपक्षी पार्टियां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं और दोनों 135-135 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
मतभेद
विरोधियों की तरह पेश आती है शिवसेना
बता दें कि महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाने के बावजूद शिवसेना लगातार विरोधियों की तरह व्यवहार करती रही और पिछले पांच साल में कई बार भाजपा और केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संबंध इतने खराब हो गए थे कि गठबंधन टूटने की कगार पर आ गया।
लेकिन अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से निजी तौर पर मिलकर सारे गिले-शिकवे मिटाए और लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर समझौता हुआ।