निर्भया केस: चारों दोषियों की फांसी का किया गया अभ्यास, लटकाई गई रेत की बोरियां
निर्भया कांड ने पूरे देश को झंकझौर कर रख दिया था और अब आखिरकार उसके दोषियों का डेथ वारंट जारी हो चुका है। हर कोई दोषियों के 22 जनवरी को फंदे पर झूलने का इंतजार कर रहा है। तिहाड़ जेल प्रशासन भी कोई कोताही नहीं चाहता। जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को चारों दोषियों की फांसी का पूर्वाभ्यास किया। जल्लाद के नहीं होने के कारण जेल अधिकारियों ने ही प्रक्रिया को अंजाम दिया।
मुजरिमों के वजन के बराबर बोरियों में भरी रेत
जेल अधिकारियों ने अनुसार रिहर्सल के लिए चारों दोषियों का वजन लिया गया था। उनके वजन के अनुसार बोरियों में रेत भरी गई और फिर उन बोरियों को फांसी के लिए तैयार रस्सियों के फंदे पर आधे घंटे तक लटकाकर रखा गया। अधिकारी ने बताया कि फांसी से पहले ये रिहर्सल बेहद जरूरी होती है। डमी फांसी में रस्सी की जांच होती है, जिसमें देखा जाता है की रस्सी फांसी पर लटकने वाले का वजन झेल सकती है या नहीं।
बक्सर जेल के कैदियों ने तैयार की फंदे की रस्सी
चारों मुजरिमों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए फंदे की रस्सी बिहार के बक्सर जेल के कैदियों ने तैयार की है। जेल अधिकारियों ने बताया कि फांसी को देखते हुए चारों मुजरिमों की दिन में दो बार स्वास्थ्य जांच की जा रही है, जबकि उन पर पैनी नजर रखने के लिए तमिलनाडु पुलिस के जवानों को तैनान किया गया है। अभी दोषियों को तिहाड़ की जेल नंबर दो व चार में रखा गया है।
तिहाड़ जेल में पहली बार होगी एकसाथ चार को फांसी
एक जेल अधिकारी ने बिना नाम छापने की शर्त पर बताया कि देश में पहली बार होगा कि जब किसी जेल में एकसाथ चार मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। तिहाड़ में जेल नंबर तीन में फांसी दी जाती है, लेकिन पहले इसमें एकसाथ दो ही दोषियों को फांसी देने की व्यवस्था थी। कोर्ट के आदेश को पूरा करने के लिए जेल प्रशासन ने जेल नंबर तीन में दो और अपराधियों को फांसी देने का प्रबंध किया है।
दोषियों को हैं फांसी पर रोक लगने की उम्मीद
एक अन्य जेल अधिकारी ने भी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चारों दोषियों के व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जा रही है। चारों सामान्य रूप से व्यवहार कर रहे हैं और ऐसा कुछ भी नहीं किया है जो असामान्य लग सकता है। शायद दोषियों को उम्मीद है कि उनकी फांसी पर रोक लग सकती है। विनय कुमार और मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी, जिस पर कोर्ट 14 जनवरी को सुनवाई करेगा।
जल्लाद पवन को मिल सकता है मौका
जेल अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जेल विभाग ने पुष्टि की है कि फांसी के लिए मेरठ निवासी जल्लाद पवन को ही बुलाया जा सकता हैं। पवन फांसी से कुछ दिन पहले तिहाड़ जेल पहुंचकर तैयारियों का जायजा लेंगे। जेल प्रशासन ने बेहतर तैयारी के लिए यूपी जेल विभाग को दो जल्लाद भेजने के लिए कहा है, लेकिन जानकारी मिली है कि दूसरा जल्लाद नहीं आ पाएगा। ऐसे में पवन जल्लाद के ही फांसी देने की उम्मीद है।
निर्भया केस की अब तक की कहानी
करीब सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में निर्भया से गैंगरेप हुआ था। आरोपियों की बर्बरता के कारण निर्भया की मौत हो गई थी। पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक नाबालिग अपनी सजा पूरी कर रिहा हो गया था और एक अन्य ने जेल में आत्महत्या कर ली थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने गत मंगलवार को चार अन्य मुजरिम पवन, विनय, मुकेश और अक्षय के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था।