नागरिकता कानून: विरोध प्रदर्शनों के कारण अब पश्चिम बंगाल में भी लगी इंटरनेट पर पाबंदी
नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के कारण पश्चिम बंगाल के कई जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है। मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाईपुर और हावड़ा जिले में ये पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा नॉर्थ 24 परगना के बरसात और बशीरहाट इलाके और दक्षिण 24 के बरुईपुर और कैनिंग में भी इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। फेक न्यूज और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए ये पाबंदी लगाई गई है।
प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन के पांच डिब्बों को फूंका
पश्चिम बंगाल में पिछले दो दिनों से नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। मुख्यतौर पर ये प्रदर्शन नाडिया, नॉर्थ परगना, हावड़ा और मुर्शिदाबाद में हुए। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद के लालगोला रेलवे स्टेशन पर एक खाली ट्रेन के पांच डिब्बों में आग लगा दी। इसके अलावा राज्य के अन्य इलाकों में भी रेल सेवाओं में व्यवधान पहुंचाया, जिसके कारण कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी। सागरदिघी में स्थानीय लोगों के राष्ट्रीय राजमार्ग-24 को बंद कर दिया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
इन हिंसक प्रदर्शनों को लेकर भाजपा ने राज्य की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा है कि वो कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
क्यों पश्चिम बंगाल के लिए अहम हैं नागरिकता कानून?
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से आए लोगों या घुसपैठियों का मामला एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। असम की तरह यहां भी बांग्लादेशी लोगों के बड़ी संख्या में आने की बात कही जाती है। असम के विपरीत यहां इस मसले का हिंदू-मुस्लिम रंग भी है और यही कारण है कि इसे 2021 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की भाजपा की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
अमित शाह ने कही थी NRC और नागरिकता कानून को साथ लागू करने की बात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) से पहले नागरिकता कानून लागू करने की बात भी कह चुके हैं। इससे इन दोनों कानूनों का उपयोग राज्य की राजनीति में सांप्रदायिक बंटवारा पैदा करने और उससे फायदा उठाने की भाजपा की कोशिशों के आरोप और मजबूत होते हैं। ममता बनर्जी इन दोनों कानूनों को अपने राज्य में लागू नहीं होने देने की बात कह चुकी हैं।
बंगाल से पहले इन राज्यों में भी हो चुका है इंटरनेट बंद
बता दें कि पश्चिम बंगाल से पहले पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण इंटरनेट पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। सबसे पहले असम के 10 राज्यों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया था। इसके बाद त्रिपुरा और मेघालय के भी कई हिस्सों में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई। इन तीनों राज्यों को छोड़कर पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों को नागरिकता कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।
असम में तीन लोगों की मौत, 27 लोग घायल
सबसे ज्यादा प्रदर्शन असम में हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 27 लोग घायल हुए हैं। शुरुआती दिनों में हिंसक रहे ये प्रदर्शन अब पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं। राज्य के लोगों को डर है कि नए नागरिकता कानून के तहत बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता मिलने से उनकी भाषाई और सांस्कृतिक पहचान उनके ही घर में खतरे में पड़ सकती है।