रोज़ाना केवल 15 मिनट करें ये आसन, हप्तेभर में कम होगा निकला हुआ पेट
आज मोटापा पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या बनी हुई है। मोटापा आते ही सबसे पहले पेट निकलता है, जो देखने में बहुत भद्दा लगता है। कई लोग इसे कम करने के लिए डाइटिंग करते हैं, तो कुछ जिम जाते हैं, लेकिन फिर भी निकला हुआ पेट कम नहीं होता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएँगे, जिससे आप मात्र 15 दिनों में अपना निकला हुआ पेट अंदर कर सकते हैं।
धनुरासन
निकला पेट कम करने के लिए धनुरासन एक उपयोगी आसन है। इस आसन से न केवल निकला हुआ पेट अंदर जाता है, बल्कि इसे करने से जाँघ, पेडु, छाती की चर्बी भी कम होती है। धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ें। अब साँस खींचते हुए सिर, सीने और जाँघ को ऊपर की तरफ़ उठाएँ। कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएँ।
भुजंगासन
इस आसन से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। दिनभर में 10 बार यह आसन करने से कुल्हों और पेट की चर्बी जल्दी कम होती है। इस आसान को करने के लिए पेट के बल लेटकर साँस लेते हुए शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएँ। आसन करते समय यह ध्यान रखें कि कमर में ज़्यादा खिंचाव न आए। इस स्थिति में रहते हुए धीरे-धीरे साँस लें और छोड़ें। कुछ समय बाद सामान्य स्थिति में आ जाएँ।
नौकासन
नौकासन करने से निकला हुआ पेट तो अंदर होता ही है, साथ ही पीठ मज़बूत और लचीली होती है। नियमित यह आसन करने से शरीर सुडौल बनता है और कमर की चर्बी कम होती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आकाश की तरफ़ मुँह करके पीठ के बल लेट जाएँ। हाथों को कमर से सटाकर रखें और हथेलियों को ज़मीन पर रखें। अब धीरे-धीरे गर्दन और पैर एक साथ उठाएँ। इस मुद्रा में 25-30 सेकेंड बने रहें।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन करने से तेज़ी से पेट की चर्बी कम होती है, साथ ही मेटाबॉलिज़्म भी बूस्ट होता है। इस आसान को करने के लिए दोनों पैर खोलकर सीधे खड़े हो जाएँ। अब हाथों को पैरों के समानांतर फैलाएँ और पैरों के बीच में दो फ़ीट का गैप रखें। अब दाएँ पैर के पंजों को बाएँ हाथ से छूने की कोशिश करें और दूसरा हाथ आसमान की तरफ़ रखें। थोड़ी देर बाद यही क्रिया दूसरे हाथ से करें।
सेतुबंधासन
नियमित सेतुबंधासन करने से पीठ और मांसपेशियाँ मज़बूत और लचीली होती हैं। इससे पेट अंदर जाने के साथ-साथ कमर दर्द, थाइराइड और अवसाद से मुक्ति मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर पैरों को कुल्हों की तरफ़ खींचें। अब दोनों पैरों के टखने हाथ से पकड़ें और पीठ, कुल्हें एवं जाँघों के साथ ऊपर उठने की कोशिश करें। कमर को ज़्यादा से ज़्यादा ऊपर उठाएँ और साँस लें। कुछ देर बाद सामान्य अवस्था में आएँ।