डर्मेटोमायोसिटिस है बेहद खतरनाक बीमारी, लाल चकत्ते से होती है इसकी शुरुआत
दंगल फिल्म की एक्ट्रेस सुहानी भटनागर की अचानक मृत्यु होने से पूरा देश स्तब्ध है। 19 साल की उम्र में उन्हें डर्मेटोमायोसिटिस नमक बीमारी हुई, जिसके कारण उनका निधन हो गया। यह एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षणों में शरीर पर लाल चक्कते पड़ना शामिल हैं। यह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर डर्मेटोमायोसिटिस बीमारी क्या है और यह कैसे मौत का कारण बन सकती है?
डर्मेटोमायोसिटिस क्या होता है?
डर्मेटोमायोसिटिस एक असामान्य सूजन वाली बीमारी है। इसमें मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर दाने हो जाते हैं। यह बीमारी बड़ों और बच्चों दोनों को प्रभावित कर सकती है। बड़ों में डर्मेटोमायोसिटिस आमतौर पर 40-60 के दशक में ज्यादा होता है, वहीं बच्चों में यह अधिकतर 5 से 15 वर्ष की उम्र के बीच दिखाई देता है। डर्मेटोमायोसिटिस पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है।
इन कारणों से होती है ये बीमारी
डर्मेटोमायोसिटिस होने का मुख्य कारण अब तक उजागर नहीं हुआ है। हालांकि, इसमें ऑटोइम्यून बीमारी से कई समानताएं हैं। ऑटोइम्यून बीमारी तब होती है, जब शरीर की रोग से लड़ने वाली कोशिकाएं, जिन्हें एंटीबॉडी कहा जाता है, आपकी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती हैं। इसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे बीमारियां होने लगती हैं। डर्माटोमायोसिटिस की वजह से शरीर में सूजन आने लगती है। एसोफेगस में सूजन से खान-पान में परेशानी होती है।
डर्मेटोमायोसिटिस के लक्षण
डर्मेटोमायोसिटिस बीमारी के लक्षणों में थकान होना, लाल चक्कते पड़ना, सूजन, मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। इस बीमारी में शरीर बेहद कमजोर हो जाता है और रोजाना के आम कार्य करने में भी परेशानी होती है। यह रोग अकसर गर्दन नितंब, जांघों, कंधों या ऊपरी भुजाएं की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इसमें जोड़ों और पेट में जटिल दर्द भी उठता है। साथ ही फेफड़ों में भी तकलीफ होती है।
डर्मेटोमायोसिटिस के उपचार
इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात है कि इसका अब तक कोई इलाज नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। उपचार के जरिए त्वचा के चकत्तों को साफ करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा आपकी मांसपेशियों की ताकत को फिर से मजबूत बनाया जा सकता है। अगर आपके गले में या उसके आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी है तो स्पीच थेरेपी आपके गले की मांसपेशियों को दुरुस्त करने में सहायक हो सकती है।
डर्मेटोमायोसिटिस से बचाव
यह एक लाइलाज बीमारी होने के कारण जानलेवा हो सकती है। इस बीमारी को अगर शुरूआती समय में पकड़ लिया जाए तो इसके लक्षणों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि डर्मेटोमायोसिटिस से बचाव के लिए सबसे जरूरी है आपकी सतर्कता। अगर आपको अपनी त्वचा पर लाल रंग के चक्कते दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इन्हें मामूली दाने समझ कर नजरअंदाज न करें।