मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
आज के समय में लगभग हर व्यक्ति छोटी-बड़ी बीमारी से परेशान है और उन्हीं में से कई लोग मधुमेह नामक बीमारी से ग्रसित हैं। मधुमेह शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन को प्रभावित करती है। टाइप-1 और टाइप-2 दो तरह की मधुमेह होती है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान कई महिलाएं गेस्टेशनल मधुमेह से पीड़ित होती हैं। मधुमेह लाइलाज बीमारी है, लेकिन कुछ योगासनों का अभ्यास करके इसको नियंत्रित किया जा सकता है। आइए उन्हीं के बारे में जानते हैं।
सर्वांगासन
सर्वांगासन करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने पैरों को एक साथ चिपका लीजिए। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाते हुए शरीर से 90 डिग्री का कोण बनाएं, फिर अपनी कोहनी को चटाई से सटाकर अपनी पीठ को अपनी हथेलियों के सहारे से उठाएं। तीन मिनट तक इसी मुद्रा में रहें व धीरें-धीरे आसन छोड़े। इस योगासन का नियमित अभ्यास मधुमेह से ग्रासित लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
बालासन
बालासन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर अपने माथे को जमीन पर लगा लें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें व अपनी जांघो से अपनी छाती पर दबाव डालें। दो-चार मिनट इस अवस्था में बने रहें व धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस योगासन का नियमित अभ्यास करने से सिर के हिस्से में रक्त परिसंचरण बढ़ता है और मधुमेह का स्तर भी नियंत्रण में रहता है।
हलासन
इस योगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं व अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। फिर दोनों पैरों के तलवो को आपस में जोड़ते हुए पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं और सिर के पीछे ले जाएं। धयान रहें कि इस अवस्था में घुटनों को माथे की सीध में ही रखना है। एक-दो मिनट तक इस स्थिति में सांस लें और छोड़ें, फिर धीरे-धीरे आसन की स्थिति छोड़ दें।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन का अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और शरीर के बगल में हाथ रखते हुए हथेलियों को नीचे की तरफ रखें। अब घुटनों को मोड़कर पैरों को फर्श पर रखें, इसके बाद अपने कंधों, हाथों और पैरों का सहारा लेते हुए अपनी पीठ को फर्श से उठाएं। इस दौरान धीरे-धीरे गहरी सांस लेते रहें। कुछ मिनट इस अवस्था में रहने के बाद सामान्य हो जाएं। इससे मधुमेह के साथ-साथ ब्लड प्रेशर भी संतुलित रहता है।