टेलबोन दर्द क्या है? इससे राहत पाने के लिए आजमाएं ये 5 योगासन
क्या है खबर?
टेलबोन यानी कमर या रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को कहते हैं। कुछ लोग इसे 'गुदा की हड्डी' भी कहते हैं।
जब इस हड्डी पर दर्द होता है तो इसे 'टेलबोन दर्द' कहा जाता है। यह दर्द अक्सर लंबे समय तक सख्त सतह पर बैठने, मांसपेशियों या हड्डी की चोट और टेलबोन पर दबाव जैसे कई कारणों से हो सकता है।
इससे राहत पाने के लिए नीचे लिखे 5 योगासन का अभ्यास करें।
#1
भुजंगासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों हाथों को कंधों के पास रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब शरीर का वजन दोनों हथेलियों पर डालते हुए सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें। इस दौरान सिर को पीछे की तरफ ले जाकर छाती को आगे की तरफ निकालें।
इस योगासन के अभ्यास से रीढ़ मजबूत होती है और टेलबोन के दर्द से राहत मिलती है।
भुजंगासन के अभ्यास से ये अन्य फायदे भी मिलते हैं।
#2
बालासन
इसके लिए योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेंगी।
कुछ सेकेंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
टेलबोन के दर्द से राहत पाने के लिए यह सबसे आसान योगासनों में से एक है।
#3
धनुरासन
धनुरासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
अब दोनों घुटनों को पीठ की तरफ मोड़ें और हाथों से पैरों के टखनों को पकड़ने की कोशिश करें।
इसके बाद सांस लेते हुए पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे।
यह मुद्रा आपकी पीठ की मांसपेशियों को लचीला बनाती है और दर्द और तनाव से राहत दिलाती है।
#4
सेतु बंधासन
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और फिर हथेलियों को नीचे की ओर सीधा रखें।
अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं। अब कूल्हों को जितना हो सके, फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं और इस दौरान हाथों से एड़ियों को पकड़ लें।
ऐसा करते हुए सांस अंदर लें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस से सामान्य स्थिति में आ जाएं।
यह योग पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
#5
अधोमुख श्वानासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
इस अवस्था में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए।
यह मुद्रा बाहों, कंधों, कोर, हैमस्ट्रिंग, पीठ और छाती को मजबूत बनाती है।