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फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम, जानिए इनके फायदे
फेफड़ों के लिए प्राणायाम

फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम, जानिए इनके फायदे

लेखन अंजली
Oct 10, 2024
11:21 am

क्या है खबर?

प्राणायाम योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सांस की तकनीकों पर आधारित है। यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि फेफड़ों की क्षमता को भी बढ़ाता है। प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और रक्त संचार सुधरता है। इस लेख में हम कुछ प्रमुख प्राणायाम के बारे में जानेंगे, जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं और उनके नियमित अभ्यास से कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं।

#1

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक सरल और प्रभावी प्राणायाम है। इसमें बारी-बारी से नाक के दोनों छिद्रों से श्वास लेना और छोड़ना शामिल है। यह प्रक्रिया फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन प्राप्त करने में मदद करती है और रक्त संचार को सुधारती है। इसे नियमित रूप से करने से तनाव कम होता है, मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है। यह प्राणायाम शरीर को संतुलित रखने में भी सहायक है।

#2

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम पेट के बलगम को साफ करने और ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसमें तेजी से सांस छोड़ने की प्रक्रिया शामिल है, जिससे पेट की मांसपेशियों का व्यायाम होता है। यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। इसके नियमित अभ्यास से श्वसन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक शांति मिलती है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

#3

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम में तेजी से गहरी सांस लेना और छोड़ना शामिल है। यह प्रक्रिया शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाती है और रक्त संचार को सुधारती है। इसे नियमित रूप से करने से फेफड़े मजबूत होते हैं और जीवन शक्ति में वृद्धि होती है। भस्त्रिका प्राणायाम श्वसन तंत्र को भी मजबूत करता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

#4

उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी प्राणायाम धीमी गति से गहरी सांस लेने पर आधारित है, जिसमें गले के पीछे हल्की आवाज उत्पन्न होती है। इस प्राणायाम में श्वास को धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से लिया और छोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर होता है। इसे नियमित रूप से करने से समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।