आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं ये प्राणायाम, जानिए इनके अभ्यास का तरीका
क्या है खबर?
आंखें चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने से लेकर रंग-बिरंगी दुनिया को निहारने तक में मदद करती हैं, लेकिन खराब दिनचर्या, खानपान में पोषक तत्वों की कमी और दूषित वातावरण का इन पर बुरा असर पड़ता है।
इनके कारण आंखों में दर्द और आंखों का सूखापन आना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो आंखों को इन समस्याओं से बचाकर स्वस्थ रख सकते हैं।
#1
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें।
अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए।
कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
#2
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें।
कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।
#3
अनुलोम विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें।
अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें।
कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।
#4
उद्गीथ प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें।
अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो।
शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।