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मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने वाले प्राणायाम

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Apr 17, 2022
08:00 am

क्या है खबर?

शरीर में हो रही रासायनिक प्रतिक्रियाओं को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है और यह खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करती है, जिससे शरीर को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म तेज होगा तो आप जल्दी कैलोरी बर्न करेंगे और इससे बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। मेटाबॉल्जिम को तेज करने के लिए इन प्राणायामों का अभ्यास करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

#1

सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब दाएं हाथ की छोटी और अनामिका उंगलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करके दाएं छेद से सांस लें। इसके बाद ठोड़ी से सीने से लगाकर थोड़ा दबाव बनाएं और कुछ देर सांस को रोकें। अब सिर ऊपर करके दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करके बाएं छेद से सांस छोड़ें। ऐसा कुछ मिनट तक करने के बाद प्राणायाम छोड़ दें।

#2

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#3

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।

#4

उद्गीथ प्राणायाम

सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।