
चिंता से बढ़ती है ज्यादा खाने की इच्छा और वजन, अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
एंग्जायटी यानी चिंता एक मानसिक समस्या है और इसके मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है।
इससे ग्रस्त व्यक्ति पर नकारात्मक भावनाएं इस कदर हावी होने लगती हैं कि उसे कई तरह के मानसिक और शारीरिक रोगों का सामना करना पड़ता है। इस बात की पुष्टि हाल ही में एक अध्ययन ने भी की है।
अध्ययन के मुताबिक, चिंता के कारण ज्यादा खान की इच्छा बढ़ती है, जो मोटापे का कारण बन सकती है।
आइए जानते हैं कैसे।
अध्ययन
अध्ययन में शामिल किए गए 7,388 वयस्क प्रतिभागी
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित इस अध्ययन के शोधकर्ताओं ने मानसिक समस्या होने पर भावनात्मक भोजन और वजन परिवर्तन की भूमिका की जांच की।
अध्ययन में 7,388 वयस्क प्रतिभागी शामिल थे, जिन पर लगभग 4 वर्षों तक नजर रखी गई और डेटा विश्लेषण के लिए मिश्रित प्रभाव का उपयोग किया गया।
इससे पता चला कि चिंता भावनात्मक भोजन और वजन को काफी प्रभावित कर सकती है।
WHO
अधिक वजन और मानसिक समस्याएं चिंता का विषय
अधिक वजन और मोटापा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंताएं प्रस्तुत करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि साल 2025 के अंत तक वैश्विक आबादी के 20 प्रतिशत लोग मोटापे से ग्रस्त होंगे और वर्तमान आंकड़ा बताता है कि 100 करोड़ से अधिक लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) अत्यधिक है।
मानसिक समस्याएं एक और गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता प्रस्तुत करती है क्योंकि अवसाद, तनाव और चिंता से दुनियाभर में अनुमानित 97 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
समय
4 साल तक प्रतिभागियों पर किया गया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए डेटा स्पीचियो कोहोर्ट से प्राप्त किया गया था, जो स्विट्जरलैंड के जिनेवा में कोविड-19 के एक सर्वे प्रतिभागियों का एक डिजिटल अध्ययन था।
ये अध्ययन दिसंबर 2020 में शुरू किया गया था और इसमें शामिल 13,260 प्रतिभागियों ने अपने वजन और ऊंचाई के बारे में बताया था
ये अध्ययन 2022, 2023 और 2024 तक जारी रहा और प्रतिभागियों के मानसिक और सामान्य स्वास्थ्य परिणामों को मापने के लिए WHO के कल्याण सूचकांक को शामिल किया गया।
गणना
BMI से पता चल सकता है वजन का सही माप
स्पेकियो कोहोर्ट में 13,260 प्रतिभागियों में से 7,388 को अध्ययन के विश्लेषण में शामिल किया गया और शामिल प्रतिभागियों की औसत आयु 51 वर्ष थी, जिनका औसत अनुमानित BMI 24.5 किलोग्राम/मी² था।
बता दें कि BMI एक तरह का कैलक्यूलेटर होता है, जिसकी गणना व्यक्ति के वजन और ऊंचाई को लेकर की जाती है और इससे आप यह आसानी से जान सकते हैं कि आप अधिक वजन वाले हैं, कम वजन वाले हैं या स्वस्थ वजन सीमा में है।
निष्कर्ष
क्या निकला अध्ययन का निष्कर्ष?
अध्ययन निष्कर्षों से पता चला कि प्रतिभागियों का BMI पूरे अध्ययन के दौरान पूरे नमूना कोहोर्ट पैमाने पर थोड़ा बढ़ा। ये बढ़ा हुआ BMI प्रतिभागियों के दिमाग के असंतोष में वृद्धि और जीवन की समग्र गुणवत्ता में कमी के साथ जुड़ा हुआ था।
ये निष्कर्ष इन सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं के खिलाफ रोकथाम और हस्तक्षेप रणनीतियों को विकसित करने के लिए आवश्यक है।