बच्चों के विकास में आवश्यक होती है अच्छी परवरिश, जानें कुछ पेरेंटिंग टिप्स
बच्चों पर अपने माता-पिता की परवरिश का सीधा असर पड़ता है क्योंकि हर बच्चा अपने आस-पास के माहौल को देख कर ही सीखता है। बच्चा सबसे पहले माता-पिता, दोस्त, रिश्तेदार, मोहल्ले या गली आदि के सम्पर्क में आता है। परवरिश करते समय माता-पिता का फर्ज है कि उसको सही और गलत की जानकारी दें। अगर परवरिश में शुरू से ही सजगता बरती जाए तो आगे चलकर परेशानी नहीं होती। तो आइए जानें पेरेंटिंग टिप्स के बारे में।
बच्चों के अच्छे दोस्त हो सकते है पेरेंट्स
मां न केवल बच्चे को जन्म देकर दुनिया में लाती है बल्कि उसे जीवन से जुड़ी अच्छी बातें और आदतें भी सिखाती हैं ताकि बच्चे की नींव मजबूत हो सके। इसलिए मां को पहली टीचर कहते है। बच्चा परिजनों के अलावा स्कूल में दोस्तों से कई तरह की चीजें सीखता हैं। स्कूल के बाद परिजनोंं को चाहिए कि बच्चों के साथ दोस्त की तरह बात करें ताकि वह खुल कर अपनी हर बात आपके सामने रख दें।
बच्चों पर मानसिक रूप से न बनाएं दवाब
माता-पिता को बच्चों पर किसी प्रकार का मानसिक दवाब नहीं बनाना चाहिए। यदि बच्चा अपनी इच्छा से किसी काम में रूचि दिखाता है तो उसे आगे बढ़ने में मदद करें। अगर परिजनों को लगता है कि उनका बच्चा जो काम कर रहा है, उसमें वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो उसे दूसरे बच्चों से अच्छा बताने की बजाय, उसी को निखारने की कोशिश करनी चाहिए। उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
बच्चों के सवालों का दें सही जवाब
अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चे परिजन से कुछ न कुछ सवाल करते रहते है, लेकिन वह उनकी बातों को टालते हुए सच नहीं बताते। परिजनों को चाहिए कि जब भी बच्चे आपसे कोई भी सवाल पूछे तो सही जवाब दें और सच बताएं। बच्चों का मन कोमल होता है उन्हें आप जितना सही और सच बताएंगे वो भी उतना ही आपको सच बताएंगे।
बच्चों के साथ खेल और बातचीत के लिए समय निकालें
बच्चों के लिए समय निकालना और उनके साथ खेलना अच्छे माता-पिता का पहला कर्त्वय है। बच्चों को उनका पसंदीदा खेल चुनने दें और उनके साथ खेल में शामिल रहें। इस दाैरान बच्चे की प्रशंसा करनी चाहिए। जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। खेल से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बढ़ता है। बच्चों के लिए प्रतिदिन कुछ वक्त जरूर निकालें। इससे उन्हें एहसास होगा कि आप उनका ख्याल रखते है और प्यार करते हैं।