राम नवमी पर बनाएं भगवान श्रीराम का पसंदीदा पेय, यहां जानिए आसान रेसिपी
क्या है खबर?
देशभर में रविवार यानि 6 अप्रैल को राम नवमी मनाई जा रही है, जिसे प्रभु श्रीराम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
आज के दिन राम लल्ला का जन्म हुआ था, जिसकी खुशी में भक्तजन उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
साथ ही, इस पावन त्योहार पर भगवान राम को उनकी पसंद के व्यंजनों का भोग भी लगाया जाता है।
आज हम आपको श्रीराम का पसंदीदा पेय बनाना सिखाएंगे, जिसे आप प्रसाद के रूप में अर्पित कर सकते हैं।
पेय
भगवान राम को अति प्रिय है पनाकम
पनाकम एक ठंडा और ताजगी भरा पेय है, जो खास तौर से दक्षिण भारत में लोकप्रिय है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम को भी इसका सेवन करना बेहद पसंद था।
खास तौर से उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर उनके लिए यह पेय जरूर बनाया जाता है। इसे गुड़, पानी, तुलसी, इलायची और नींबू के रस के साथ तैयार किया जाता है, जिसको पीते ही गर्मी से राहत मिल जाती है।
राम नवमी पर आपको इसका भोग जरूर लगाना चाहिए।
सामग्री
पनाकम तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री
पनाकम गर्मियों में पिया जाने वाला पेय है, जिसमें पड़ने वाली सभी सामग्रियां शरीर को ताजगी प्रदान करती हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ हर किसी के घर की रसोई में मौजूद होती ही हैं।
पनाकम बनाने के लिए आपको पानी, आधा इंच अदरक, 5 से 6 इलायची, 4 से 5 काली मिर्च, चुटकीभर केसर, 60 ग्राम गुड़, तुलसी, एक नींबू और बर्फ चाहिए होगी।
साथ ही, इसके पारंपरिक स्वाद को बरकरार रखने के लिए मिट्टी के मटके का इस्तेमाल करें।
विधि
इस तरह से बनाया जाता है श्रीराम का पसंदीदा पनाकम
पनाकम की रेसिपी की शुरुआत करने के लिए कुटनी में काली मिर्च, इलायची और अदरक डालें। इसमें थोड़ा पानी डालकर मसालों को अच्छी तरह कूट लें।
अब मिट्टी के मटके में पानी भरें और उसमें केसर डालकर कुछ देर तक रख दें। गुड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मटके में डालें और मथनी की मदद से मिला लें।
कुटनी में पीसे गए मसाले को छानकर पानी में मिलाएं और ऊपर से नींबू का रस, तुलसी और बर्फ डालकर भोग लगाएं।
अन्य व्यंजन
भगवान राम को पसंद आते हैं ये अन्य व्यंजन
पनाकम के अलावा भी कई ऐसे व्यंजन हैं, जो भगवान राम को पसंद हैं। जब राजा दशरथ के घर भगवान राम और उनके भाइयों का जन्म हुआ था तब खीर बनाकर जश्न मनाया गया था।
इसलिए खीर को भगवान राम का प्रिय भोग माना जाता है। इसके अलावा, आप प्रसाद के लिए दूध की रबड़ी भी बना सकते हैं।
श्री राम को बेर और कंदमूल फल भी बहुत पसंद थे।