क्या है वेस्ट नाइल फीवर? जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय
वेस्ट नाइल फीवर मच्छर जनित RNA वायरस है, जिसके कारण केरल में त्रिस्सूर जिले के रहने वाले एक 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। व्यक्ति कि मौत के बाद यहां का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को बढ़ने से रोकने और इनसे बचकर रहने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। इस वायरस से बचकर रहने के लिए जरूरी है कि आपको भी इससे जुड़ी सही जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं।
वेस्ट नाइल फीवर इंसानों में कैसे फैलता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मच्छरों की क्यूलेक्स प्रजाति इस वायरस को फैलाती है और ऐसा माना जाता है कि यह इंसानों में घातक न्यूरोलॉजिकल बीमारी का कारण बन सकता है। बता दें कि यह वायरस तब होता है, जब मच्छर संक्रमित पक्षियों का खून चुस्ते हैं तो वायरस उनकी लार ग्रंथियों में चला जाता है। इसके बाद जब मच्छर किसी व्यक्ति को काटते हैं तो यह उनमें फैलने लगता है।
वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण
इस वायरस से 80% संक्रमित लोगों में इसके लक्षण कुछ खास नजर नहीं आते हैं। हालांकि, वेस्ट नाइल बुखार के प्रमुख लक्षणों में बुखार, शरीर में दाने, मतली, सिरदर्द, शरीर में दर्द, थकान और ग्रंथियों में सूजन शामिल हैं। वहीं, गंभीर लक्षणों के तौर पर कंपकंपी, कोमा, स्तब्धता, दृष्टि हानि, एन्सेफलाइटिस, मेनिन्जाइटिस, लकवा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होने का खतरा रहता है।
वायरस से ठीक होने में कितना समय लगता है?
वेस्ट नाइल फीवर से उबरने में कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं। वैसे इस वायरस से उभरने का समय संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती पर निर्भर करता है।
वायरस से बचे रहने के तरीके
मच्छरों के प्रजनन स्थलों को कम करने के लिए अपने आस-पास की उन जगहों को खासतौर से साफ करें, जहां पानी जमा हो। मच्छरों के काटने से खुद को बचाकर रखने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली चीजों का इस्तेमाल करें। पानी से भरे कंटेनरों को ढककर रखें और पानी की निकासी वाली जगहों को समय-समय पर डिसइनफेक्टेंट का छिड़काव करते रहें। आप चाहें तो अपने घर में मॉस्किटो रिप्लीयन्ट प्लांट्स भी लगा सकते हैं।
क्या वायरस का कोई इलाज उपलब्ध है?
अब तक वेस्ट नाइल फीवर के लिए कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। हल्के लक्षणों के मामले में डॉक्टर आमतौर पर रोगी को ओवर-द-काउंटर दवा लेने की सलाह देते हैं। वहीं, गंभीर लक्षणों वाले रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है ताकि समय रहते उन्हें वायरस के जोखिमों से बचाया जा सकता है। मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए लोगों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अजमाने चाहिए।