जानिए क्या है ग्लूटेन फ्री डाइट और यह किन लोगों के लिए फायदेमंद है
जिन लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्याएं जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या रूमेटाइड अर्थराइटिस आदि है तो उन्हें डॉक्टर ग्लूटेन फ्री डाइट लेने की सलाह देते हैं। इसके अतिरिक्त, सीलियक रोगियों के लिए भी ग्लूटेन फ्री डाइट लेना महत्वपूर्ण हो सकता है। अगर आप सोचते हैं कि ग्लूटेन फ्री डाइट वजन कम करने के लिए भी ली जा सकती है तो ऐसा नहीं है। जब आपको डॉक्टर यह डाइट फॉलो करने को कहें तभी इसे अपनाएं।
डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए ग्लूटेन फ्री डाइट- डॉ अकांक्षा सक्सेना
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेहूं, राई, जौ जैसे अनाजों और इनसे बनी चीजों में पाया जाता है। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति को ग्लूटेन से एलर्जी होती है या फिर यह किसी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है तो ऐसे लोगों के लिए ग्लूटेन फ्री डाइट लेना ही अच्छा है। सीलिएक रोगियों के लिए तो ग्लूटेन फ्री डाइट लेना ही सबसे बड़ा उपचार है। लेकिन हमेशा डॉक्टर के कहने के बाद ही ग्लूटेन फ्री डाइट लें।
ग्लूटेन फ्री डाइट में शामिल की जा सकती है ये चीजें
ग्लूटेन फ्री डाइट में दुग्ध उत्पाद, मांस, मछली, अंडे, फलियां, नट्स, फल, सब्जियां, चावल और मकई आदि खाद्य पदार्थ शामिल किए जा सकते हैं क्योंकि ये ग्लूटेन फ्री होते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रोसेस्ड फूड को भी ग्लूटेन फ्री डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है, लेकिन इनका सेवन कम ही करें क्योंकि इनमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, फैट, चीनी और अधिक नमक होता है। आप चाहें तो ग्लूटेन फ्री अनाज के विकल्प भी चुन सकते हैं।
ग्लूटेन फ्री अनाज के विकल्प सुरक्षित हैं?
ग्लूटेन और ग्लूटेन फ्री अनाज के बीच संपर्क को क्रॉस-संपर्क के रूप में जाना जाता है। चावल का आटा, सोया आटा, कॉर्नस्टार्च, क्विनोआ और बादाम का आटा ग्लूटेन फ्री अनाज के विकल्प हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर अनाज ग्लूटेन वाले अनाज के पास उगाए जाते हैं, इसलिए सोच-समझकर इसे अपनी डाइट में शामिल करें। बेहतर होगा कि आप इन ग्लूटेन फ्री अनाज को खरीदते समय इनके लेबल को अच्छे से पढें और वहीं खरीदें, जिस पर ग्लूटेन फ्री लिखा हो।
ग्लूटेन फ्री खाने को कैस संतुलित रखें
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अधिकतर प्रोसेसड फूड में ग्लूटेन होता है, इसलिए कोई भी प्रोसेसड फूड खरीदते समय उसके लेबल को अच्छे से पढ़ें। इसके अतिरिक्त, अगर किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जाना हो तो उससे पहले वहां कि ऑनलाइन मैन्यू को पढ़ लें और देख लें कि वहां ग्लूटेन फ्री चीजें है कि नहीं। वहीं, घर पर भी हमेशा अपने व्यंजनों को ग्लूटेन वालों व्यंजनों से अलग रखें और अलग पकाएं।