#NewsBytesExclusive: मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही आधुनिक जीवनशैली, विशेषज्ञ से जानिए स्वस्थ रहने के उपाय
नई-नई तकनीकों और गैजेट्स आदि से हम लोगों की जीवनशैली आधुनिक तो बन गई है, लेकिन इसके कारण मानसिक स्वास्थ्य काफी प्रभावित होता दिख रहा है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य पर अतिरिक्त ध्यान देना जरूरी हो गया है, इसलिए हमने हाल ही में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ शैलेश कुमार शर्मा से बातचीत की, जिन्होनें हमें मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखने के तरीके और अन्य कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
शैलेश ने सबसे पहले हम बताया कि मानसिक स्वास्थ्य का संबंध व्यक्ति की भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति से जुड़ा होता है और यह जीवन के हर चरण यानी बचपन से लेकर बुढ़ापे तक की अवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने हमें बताया, "मानसिक स्वास्थ्य इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना जीवन के सारे काम करना मुश्किल हो जाता है, फिर चाहें बात खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की हो या रचनात्मक काम करने की।"
क्या सिर्फ डिजिटल गैजेट्स ही मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं?
शैलेश का कहना है कि सिर्फ डिजिटल गैजेट्स ही मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि इसके कई अन्य कारण भी हैं, जो कि इस प्रकार हैं: 1) मानसिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने का कारण आनुवांशिक हो सकता है। 2) दिमाग में केमिकल्स का असंतुलन या फिर कोई चोट भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। 3) नशीले पदार्थों का सेवन और तनाव, अवसाद और तनाव जैसी मानसिक समस्याएं भी इसका कारण हो सकती हैं।
ये शारीरिक बीमारियां भी कर सकती हैं मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित
शैलेश ने हमें बताया कि शारीरिक बीमारियों के कारण अलग-अलग मानसिक समस्याएं होने की संभावना रहती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह, अनियंत्रित ब्लड प्रेशर, अर्थराइटिस, कैंसर या HIV आदि में से कोई भी बीमारी है तो उसे तनाव, एंग्जायटी डिसऑर्डर, मनोग्रसित बाध्यता विकार, अनिद्रा जैसी मानसिक बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति को कोई मानसिक बीमारी है तो उसे शारीरिक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
किस उम्र के लोगों में मानसिक बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है?
शैलेश ने बताया कि 20-35 साल की उम्र में मानसिक बीमारियां होने की संभावना अधिक रहती है, वहीं 60 से अधिक उम्र के लोगों को मेंटल ऑर्गेनिक डिसऑर्डर होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि अधिक उम्र में ब्रेन सेल्स कम होने लगती हैं।
सामान्य व्यक्ति को मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति से किस तरह बात करनी चाहिए?
शैलेश का कहना है कि सामान्य व्यक्ति को मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की स्थिति को समझना चाहिए और उससे ऐसे बात करनी चाहिए, जिस तरह सामान्य व्यक्ति से की जाती है। इसके अतिरिक्त उसके साथ शांत रवैया अपनाना चाहिए और रोगी के लिए पागल, बेवकूफ या फिर मौत जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, ये शब्द रोगी को काफी ठेस पहुंचाते हैं, जिस वजह से उसकी समस्या बढ़ सकती है।
बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य की ओर इशारा करते हैं ये लक्षण
शेलैश ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने की शुरूआत में शरीर कुछ संकेत देता है। जैसे अगर आपको अपने घर या फिर आस-पास कोई ऐसा शख्स दिखे, जिसकी आदतों में आपको बदलाव लगे या वह हर तरह की गतिविधियों से दूरी बनाने लगे तो समझ जाइए कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है। इसके अतिरिक्त कमजोरी, स्लीप साइकिल का बिगड़ना, गुस्सा आना, भय लगना और दैनिक कार्य को ठीक से न कर पाना आदि भी इसके लक्षण हैं।
अस्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?
शैलेश कहते हैं, "मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह जांच के बाद आपको इसके बारे में बता सके। इसके लिए डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं।" अगर डॉक्टर को व्यक्ति में किसी मानसिक बीमारी होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह उसे कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि निदान के लिए किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास ही जाएं।
अस्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य का इलाज
शैलेश ने बताया कि अगर आपको कोई मानसिक बीमारी है तो इसके इलाज के लिए सबसे पहले किसी अनुभवी मनोचिकित्सक से संपर्क करें क्योंकि वह कुछ थेरेपी या दवाइयों के जरिए आपकी बीमारी के जोखिम को कम करने में काफी मदद कर सकता है। थेरेपी की बता करें तो इसमें कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी, ट्रांसक्रेनियल मेग्नेटिक स्टिम्युलेशन थेरेपी और सिस्टमिक थेरेपी आदि शामिल हैं। वहीं दवाइयां व्यक्ति की उम्र और बीमारी की स्थिति को ध्यान में रखकर दी जाती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के तरीके
शैलेश ने कहा कि अगर आप मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं तो अपने स्लीप साइकिल को बेहतर करें यानी समय से सोएं और समय से उठें। इसके अतिरिक्त स्वस्थ आहार का सेवन करें और प्रोसेस्ड फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, अधिक चीनी और उच्च सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से दूरी बना लें। रोजाना कुछ मिनट योगाभ्यास या मेडिटेशन करें और दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं।