एक बेहतरीन मार्शल आर्ट एक्सरसाइज है कलारीपयट्टू, जानिए इसके फायदे
केरल की सांस्कृतिक का हिस्सा कलारीपयट्टू भारत की प्राचीन मार्शल आर्ट एक्सरसाइज है, जो शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। इस कला से प्रेरित वर्कआउट न केवल शरीर को मजबूत बनाते हैं, बल्कि लचीलापन और संतुलन भी सुधारते हैं। इसे किसी भी उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं। इससे शरीर की सहनशक्ति भी बढ़ती है और मानसिक एकाग्रता में सुधार होता है। आइए इसके अन्य फायदे जानें।
शरीर का संतुलन बढ़ाने में है सहायक
कलारीपयट्टू का अभ्यास शारीरिक संतुलन को सुधारने में काफी मदद कर सकता है। इस अभ्यास से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का संतुलन बेहतर होता है। इसे करने के लिए पहले एक पैर पर खड़े हों, फिर धीरे-धीरे दूसरे पैर को उठाएं और कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। ऐसा दोनों पैरों से बारी-बारी से करें और संतुलन बनाए रखें। 1-2 मिनट ऐसा करने के बाद प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
शरीर के लचीलेपन में हो सकता है सुधार
कलारीपयट्टू का अभ्यास शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार की स्ट्रेचिंग शामिल होती है जैसे कि आगे झुकना, पीछे झुकना आदि। इससे मांसपेशियों की कठोरता कम होती है और जोड़ों का मूवमेंट बेहतर होती है। इसे करने के लिए सीधे खड़े होकर धीरे-धीरे आगे झुकें और अपने हाथों से जमीन छूने की कोशिश करें। इस प्रक्रिया के नियमित अभ्यास से शरीर का लचीलापन बढ़ता है और हल्कापन महसूस होता है।
शरीर की सहनशक्ति बढ़ाने में है सहायक
कलारीपयट्टू में कई ऐसे अभ्यास होते हैं, जो शारीरिक शक्ति को बढ़ाते हैं जैसे कि पुश-अप्स, स्क्वैट्स आदि। ये अभ्यास मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं और सहनशक्ति भी बढ़ाते हैं। पुश-अप्स करने के लिए पेट के बल लेटकर अपने हाथों से शरीर को ऊपर उठाएं, फिर नीचे लाएं। स्क्वैट्स करने के लिए सीधे खड़े होकर घुटनों को मोड़ें और नीचे बैठें, फिर वापस खड़े हो जाएं। यहां जानिए पुश-अप्स से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए है लाभकारी
कलारीपयट्टू केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव डाल सकता है। इसके ध्यान केंद्रित करने वाले अभ्यास मनोबल को मजबूत कर सकते हैं और तनाव कम कर सकते हैं। इसके लिए किसी शांत स्थान पर बैठकर आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और अपने मन को शांत करें। इस प्रक्रिया से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और मनोबल में सुधार होता है। इस प्रकार कलारीपयट्टू शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।