
5 साल बाद फिर शुरू हो रही है कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानिए इससे जुड़ी जरूरी बातें
क्या है खबर?
भगवान शिव का निवास स्थान माना जाने वाला पर्वत कैलाश और मानसरोवर झील हिंदु, बौद्ध और जैनियों के लिए आध्यात्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है।
कोरोना महामारी के कारण साल 2020 में यहां की यात्रा को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब 5 साल के बाद 30 जून, 2025 से कैलाश मानसरोवर की यात्रा दोबारा शुरू होगी, जो 22 अगस्त को समाप्त होगी।
आइए जानते हैं कि यात्रा का रेजिस्ट्रेशन करवाने वालों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आयोजन
15 ग्रुप में करवाई जाएगी यह यात्रा
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित इस यात्रा में 15 ग्रुप होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 750 यात्री होंगे। इनमें से 500 नाथू-ला दर्रे के जरिए यात्रा करेंगे, जबकि 250 लिपुलेख के रास्ते जाएंगे।
बता दें कि लिपुलेख मार्ग उत्तराखंड से तिब्बत तक जाता है, जबकि नाथू-ला सिक्किम से तिब्बत तक जाता है।
प्रस्थान से पहले यात्रियों को ब्रीफिंग दी जाएगी, फिर दस्तावेजों और प्रारंभिक चिकित्सा जांच के लिए उन्हें 3 से 4 दिन दिल्ली में गुजारने होंगे।
जांच
यात्रा से पहले यात्रियों की होगी 2 बार स्वास्थ्य जांच
इस यात्रा का रेजिस्ट्रेशन पोर्टल 13 मई, 2025 तक जारी था। अगर आपने इस दौरान आवेदन किया है तो बता दें कि आवेदकों का चयन कंप्यूटर द्वारा जनरेट जेंडर-बैलेंस लॉटरी द्वारा चुना जाएगा।
चुने गए यात्रियों को दिल्ली के दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट (DHLI) और ITBP बेस अस्पताल में चिकित्सा जांच से गुजरना होगा।
इसके बद लिपुलेख या थोरथांग ट्रैक या नाथू-ला ट्रैक और गुंजी में दूसरी चिकित्सा जांच की जाएगी।
तैयारी
कैलाश मानसरोवर की यात्रा का हिस्सा बनने वाले कर लें पूरी तैयारी
कैलाश मानसरोवर की यात्रा में शामिल होने वाले रोजाना वॉकिंग और प्राणायाम जैसी एक्सरसाइज जरूर करें।
एक बैग बना ले और उसमें उच्च ऊंचाई पर चढ़ने के लिए जरूरी उपकरण, एर्स्ट एड, पानी की बोतल, गर्म कपड़े और ट्रैकिंग के लिए मजबूत जूते रख लें।
इसके अतिरिक्त, पर्याप्त नकदी अपने पास रखें क्योंकि रास्ते में ATM कम हो सकते हैं या डिजिटल भुगतान प्रणाली को चालू रखें।
यात्रा
क्यों की जाती है कैलाश मानसरोवर की यात्रा?
कैलाश मानसरोवर की यात्रा को भगवान शिव का आर्शीवाद माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि यही पर मोक्ष का मार्ग है।
ऐसी मान्यता है कि यहां की यात्रा से धन और समृद्धि मिलती है। हालांकि, विभिन्न धर्मों की धार्मिक प्रतिबद्धताओं के चलते कैलाश पर्वत पर चढ़ना आधिकारिक तौर पर वर्जित है।
कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील कई अज्ञात रहस्यों का घर है, जिनकी सत्यता का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक वर्षों से अध्ययन कर रहे हैं।