
उत्तराखंड में मौजूद हैं छोटी चार धाम यात्रा के स्थल, जानें इनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
चार धाम यात्रा भारत की महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं में से एक है। यह यात्रा उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) से पूरी होती है।
यह यात्रा धार्मिक महत्व के साथ हिमालय की सुंदर वादियों का अनुभव कराती है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण मन को शांति देते हैं।
इस साल चार धाम यात्रा की पंजीकरण प्रक्रिया 03 फरवरी से शुरू होगी तो आइए इस यात्रा से जुड़े स्थलों के बारे में जानें।
स्थल-1
यमुनोत्री: मां यमुना के दर्शन
चार धाम यात्रा की शुरूआत यमुनोत्री से होती है और इसे मां यमुना का निवास स्थान माना जाता है।
यहां पहुंचने के लिए आपको हनुमान चट्टी तक सड़क मार्ग से जाना होगा और फिर 6 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होगी। इस दौरान आप हिमालय की खूबसूरत वादियों और बर्फ से ढके पहाड़ों का आनंद ले सकते हैं।
यमुनोत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद आप यहां स्थित गर्म पानी के कुंड में स्नान कर सकते हैं।
स्थल-2
गंगोत्री: गंगा नदी का उद्गम स्थल
यमुनोत्री के बाद गंगोत्री जाना होता है, जो देवी गंगा को समर्पित किया गया है।
यह स्थान समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए आपको सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
गंगोत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद आप गौमुख ग्लेशियर तक ट्रेकिंग कर सकते हैं, जहां से गंगा नदी निकलती है। यह ट्रेकिंग आपके लिए एक रोमांचक अनुभव हो सकता है।
स्थल-3
केदारनाथ: भगवान शिव का निवास
केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां गंगोत्री के दर्शन करने के बाद जाना होता है।
यहां पहुंचने के लिए आपको गौरीकुंड तक सड़क मार्ग द्वारा जाना होगा और फिर 16 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होगी या हेलीकॉप्टर सेवा लेनी होगी। इस दौरान आप हिमालय की अद्भुत सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करने के बाद आस-पास घूमकर प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकते हैं।
स्थल-4
बद्रीनाथ: भगवान विष्णु का निवास स्थान
आखिर में बद्रीनाथ मंदिर जाएं। ये भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो समुद्र तल से लगभग 3,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यहां तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है, जिससे यात्री आसानी से आ-जा सकते हैं।
बद्रीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद आप तप्त कुंड में स्नान कर सकते हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
इसके अलावा माणा गांव जाकर भारत-तिब्बत सीमा देख सकते हैं।
योजना
यात्रा योजना और सुझाव
चार धाम यात्रा मई में शुरू होती है और अक्टूबर अंत तक चलती है। इस अवधि में मौसम अनुकूल रहता है इसलिए अपनी योजना इसी समय के लिए बनाएं।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिससे पहले ही टिकट सुनिश्चित करें।
अपने साथ गर्म कपड़े, दवाईयां और टॉर्च जरूर रखें क्योंकि ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चलती रहती हैं।
खाने-पीने के लिए हल्का भोजन लें ताकि सफर आरामदायक रहे।