LOADING...
जून में शुरू हो जाएगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा, जानिए इस पवित्र पर्वत से जुड़े रहस्य

जून में शुरू हो जाएगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा, जानिए इस पवित्र पर्वत से जुड़े रहस्य

लेखन सयाली
Apr 25, 2025
06:01 pm

क्या है खबर?

कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक हैं। चीन में स्थित इस पर्वत को भगवान शिव का घर माना जाता है और कहा जाता है कि यहीं से स्वर्ग का मार्ग खुलता है। हालांकि, कोविड-19 के कारण 2020 में यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी। अब 5 साल बाद जून से कैलाश की यात्रा दोबारा शुरू होगी। आइए इस पर्वत से जुड़े रहस्यों को जानते हैं, जिन्हें वैज्ञानिक भी नहीं समझ सके।

यात्रा

कब से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा?

कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू होगी, जिसमें 50-50 लोगों के कुल 5 समूह होंगे। 50 लोगों का पहला समूह 10 जुलाई को लिपुलेख दर्रे के रास्ते से चीन में प्रवेश करेगा। वहीं, आखिरी दल 22 अगस्त, 2025 को चीन से भारत लौटेगा। सभी समूह दिल्ली से यात्रा शुरू करेंगे, पहली रात टनकपुर में रुकेंगे और धारचूला, गुंजी और नाभीडांग होते हुए कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे। यह पूरी यात्रा कुल 22 दिनों तक चलेगी।

रहस्य 1

आज तक कोई नहीं कर सका कैलाश पर्तव की चढ़ाई

दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत एवेरेस्ट है, जिसपर 7,269 से ज्यादा लोग चढ़ चुके हैं। कैलाश पर्वत की ऊंचाई उससे 2,210 मीटर कम है, फिर भी आज तक उसकी चढ़ाई कोई नहीं कर पाया। 100 से ज्यादा देशों के लोग कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन सभी असफल रहे। थोड़ी चढ़ाई करने पर उनके शरीर में बदलाव आने लगते हैं। मान्यताओं के अनुसार, भोलेनाथ की इच्छा के बिना इस पर कोई कदम नहीं रख सकता।

Advertisement

रहस्य 2

मानसरोवर के पास ही बसी है राक्षस झील

हिंदू धर्म में मानसरोवर झील को बेहद पवित्र माना जाता है, लेकिन उसी के पास एक और प्रसिद्ध झील बसी हुई है। इसे राक्षस झील कहा जाता है, जो शैतानी झील के नाम से भी मशहूर है। अर्धचंद्राकार की इस झील के विषय में कहते हैं कि यहीं बैठकर रावण ने तपस्या की थी। मानसरोवर झील का पानी मीठा होता है, वहीं राक्षस झील का पानी खारा होता है। मान्यता है कि इस झील में राक्षसी शक्तियां निवास करती हैं।

Advertisement

रहस्य 3

समय की गति हो जाती है तेज

जिन लोगों ने भी कैलाश पर्वत की चढ़ाई करने का प्रयास किया, उन्होंने वहां एक बेहद विचित्र चीज पर गौर किया। कहा जाता है कि इस पवित्र पर्वत पर समय की गति तेज हो जाती है। वहां पहुंचते ही घड़ियां तेजी से चलने लगती हैं और लोग असमंजस की स्थिति में आ जाते हैं। इसलिए कैलाश को टाइम वॉर्प जोन भी कहा जाता है, जहां समय बदला हुआ होता है।

रहस्य 4

पर्वत पर मौजूद है शीशे जैसी दीवार 

कैलाश पर्वत अपने दक्षिणी किनारे पर बसी शीशे जैसी दीवार के लिए भी जाना जाता है, जो चिकनी और सीधी है। यह आज तक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक जिज्ञासा का स्रोत बनी हुई है। इस संरचना को भूवैज्ञानिक रहस्य माना जाता है, क्योंकि किसी को नहीं पता की इसका निर्माण कैसे हुआ था। इसके अलावा, कैलाश पर्वत का आकार भी बाकी पर्वतों से अलग है। इसे ऊपर से देखने पर ऐसा लगता है, मानो कोई स्वस्तिक बना हो।

Advertisement