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    सिक्किम बाढ़: मुख्यमंत्री तमांग का बड़ा आरोप, बोले- बांध के घटिया निर्माण के कारण मची तबाही 
    सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बाढ़ के लिए बांध के घटिया निर्माण को जिम्मेदार ठहराया

    सिक्किम बाढ़: मुख्यमंत्री तमांग का बड़ा आरोप, बोले- बांध के घटिया निर्माण के कारण मची तबाही 

    लेखन महिमा
    Oct 06, 2023
    05:23 pm

    क्या है खबर?

    सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बादल फटने की वजह से आई भीषण बाढ़ में चुंगथांग बांध के टूटने के लिए उसके घटिया निर्माण को जिम्मेदार ठहराया है।

    बता दें कि ग्लेशियल झील में बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने से चुंगथांग बांध टूटा है। बांध टूटने से बाढ़ ने और भयावह रूप ले लिया और राज्य के बुनियादी ढांचे को बर्बाद कर दिया।

    इस बांध का निर्माण पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने करवाया था।

    मुख्यमंत्री

    मुख्यमंत्री तमांग ने क्या कहा?

    मुख्यमंत्री तमांग ने NDTV से बातचीत में कहा, "बांध पूरी तरह से बह गया है। निचली बेल्ट में आपदा इसी वजह से आई है। बादल फटा था और ल्होनक झील (ग्लेशियल झील) फट गई थी, लेकिन पिछली सरकार के घटिया निर्माण के कारण बांध टूट गया। इस बाढ़ ने सबसे ज्यादा सिक्किम के निचले को नुकसान पहुंचाया है।''

    बांध के टूटने के लिए तमांग ने 24 सालों तक सत्ता में रहे पवन चामलिंग की पूर्व सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

    बांध

    चुंगथांग बांध क्या है? 

    चुंगथांग बांध सिक्किम की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है और यह 1,200 मेगावाट की तीस्ता चरण III जलविद्युत परियोजना का हिस्सा है। बांध की कुल ऊंचाई 817 मीटर और नेट हेड 778 मीटर था।

    शुरुआत में इसके लिए लगभग 5,700 करोड़ रुपये की लागत का बजट रखा गया था। फरवरी, 2017 में जब इसे चालू किया गया, तब इसकी लागत 14,000 करोड़ रुपये से भी अधिक पहुंच गई थी।

    इस परियोजना में सिक्किम सरकार की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है।

    झील

    ग्लेशियल झील क्या है, जिसके फटने से आई सिक्किम में बाढ़?

    उत्तरी सिक्किम की ल्होनक झील को ग्लेशियल झील भी कहा जाता है क्योंकि ये ग्लेशियर के पानी से बनी है।

    यह सिक्किम के हिमालय क्षेत्र में सबसे तेजी से फैलने वाली झीलों में से एक है और अतिसंवेदनशील 14 संभावित खतरनाक झीलों में से एक है। यह झील समुद्र तल से 5,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

    झील का आकार पिछले कुछ वर्षों में ग्लेशियर पिघलने से तेजी से बढ़ा है, जिसको लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की थी।

    नुकसान

    बाढ़ में अब तक 40 की मौत, 100 से ज्यादा अभी भी लापता

    बता दें कि तीस्ता नदी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 40 हो गई है। उत्तरी सिक्किम में 15 जवानों समेत 103 लोग अब भी लापता हैं।

    प्रशासन ने 4 प्रभावित जिलों में स्थापित किए गए 26 राहत शिविरों ने 7,644 लोगों को आश्रय प्रदान किया हुआ है।

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए आपदा राहत कोष से 44.8 करोड़ रुपये की राशि दी है।

    मुख्यमंत्री

    मुख्यमंत्री ने मांगी केंद्र से मदद, खराब मौसम कर रहा समस्याएं खड़ी

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया है।

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस संबंध में बात की है। उन्होंने बताया कि केंद्र बचाव टीमों को हवाई मार्ग से भेजना चाहता है, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका।

    उन्होंने कहा, "आज मौसम में सुधार हुआ है, इसलिए प्रयासों में तेजी लाएंगे।"

    आपदा

    आपदा से 22,000 से अधिक लोग प्रभावित

    सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SSDMA) के बयान के अनुसार, "अब तक 2,411 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और राहत शिविरों में रखा गया है। आपदा से 22,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। भारतीय सेना उत्तरी सिक्किम में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधा प्रदान करने में जुटी है।"

    बता दें कि चुंगथांग शहर को बाढ़ का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसका 80 प्रतिशत हिस्सा गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।

    विज्ञप्ति

    बाढ़ में बह गए सेना के हथियार और विस्फोटक सामान

    इस बाढ़ में सेना और उनके सामानों को काफी नुकसान पहुंचा है।

    एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया, "सिक्किम में भीषण बाढ़ के कारण बंदूकों और विस्फोटकों सहित कुछ सैन्य उपकरण तीस्ता नदी में बह गए। हम लोगों से सतर्क रहने और किसी भी अपरिचित वस्तु, बक्से, पैकेज, बंदूक या किसी भी संदिग्ध वस्तु की सूचना निकटतम पुलिस थाने को देने का आग्रह करते हैं। सेना ने नदी के निचले हिस्से में निगरानी टीमें स्थापित कर दी हैं।"

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