क्या ब्राउन शुगर सफेद चीनी से ज्यादा सेहतमंद है?
आजकल बहुत से लोग ब्राउन शुगर को सफेद चीनी के मुकाबले ज्यादा स्वास्थ्य के फायदेमंद मानते हैं। इसके पीछे कारण है कि ब्राउन शुगर में कुछ खनिज होते हैं, जो सफेद चीनी में नहीं होते, लेकिन क्या वाकई ऐसा है? इस लेख में हम जानेंगे कि ब्राउन शुगर और सफेद चीनी में क्या अंतर है और कौन-सी ज्यादा फायदेमंद है। इससे आपको सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि आपके लिए कौन-सी चीनी बेहतर है।
ब्राउन शुगर का पोषण मूल्य
ब्राउन शुगर में थोड़ी मात्रा में खनिज जैसे कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम होते हैं। ये खनिज मोलासेस (गन्ने के रस का गाढ़ा हिस्सा) की वजह से होते हैं, जो ब्राउन शुगर को उसका रंग और स्वाद देते हैं। हालांकि, इन खनिजों की मात्रा इतनी कम होती है कि यह हमारे स्वास्थ्य पर कोई खास असर नहीं डालती। इसलिए ब्राउन शुगर को सफेद चीनी से ज्यादा सेहतमंद मानना सही नहीं है।
कैलोरी की तुलना
ब्राउन और सफेद दोनों ही प्रकार की चीनी लगभग समान मात्रा में कैलोरी प्रदान करती हैं। एक चम्मच (4 ग्राम) ब्राउन या सफेद चीनी लगभग 15-16 कैलोरी देती है। इसलिए अगर आप वजन घटाने या नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं तो दोनों ही प्रकार की चीनी का सेवन सीमित रखना चाहिए। चाहे आप ब्राउन चीनी लें या सफेद, कैलोरी के मामले में कोई खास फर्क नहीं होता है। इसलिए संतुलित मात्रा में ही इनका उपयोग करें।
बनाने की प्रकिया में अंतर
सफेद चीनी को अधिक प्रोसेस किया जाता है, जिससे उसमें मौजूद मोलासेस पूरी तरह हटा दी जाती है। दूसरी ओर ब्राउन शुगर को कम प्रोसेस किया जाता है, जिससे उसमें कुछ मोलासेस बची रहती है। यह अंतर हमारे स्वास्थ्य पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं डालता क्योंकि दोनों ही प्रकार की चीनी ग्लूकोज में बदल जाती हैं और शरीर में समान रूप से अवशोषित होती हैं। इसलिए प्रक्रिया का यह अंतर सेहत के लिहाज से ज्यादा मायने नहीं रखता।
स्वाद में अंतर
ब्राउन और सफेद दोनों ही प्रकार की चीनी का स्वाद अलग होता है। सफेद चीनी मीठी होती है, जबकि ब्राउन शुगर का स्वाद थोड़ा कारमेल जैसा होता है। इसका मतलब यह नहीं कि एक दूसरे से बेहतर या खराब होती है, यह पूरी तरह आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि आप किसका उपयोग करना चाहते हैं। इसलिए चाहे आप ब्राउन शुगर लें या सफेद, दोनों ही सीमित मात्रा में सेवन करनी चाहिए ताकि आपकी सेहत बनी रहे।