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आंतों को डिटॉक्स करने और स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
आंतों को डिटॉक्स करने और स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन

आंतों को डिटॉक्स करने और स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Sep 29, 2021
08:41 pm

क्या है खबर?

जब आंतों में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं तो इससे उनकी कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बता दें कि आंतें पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती हैं और अगर ये ठीक से काम न करें तो आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। आइए आज आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो आंतों को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

#1

वक्रासन

वक्रासन के लिए पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़े और बाएं पैर के घुटने के ऊपर से बाहर की ओर जमीन पर रखें। इसके बाद अपने दाएं हाथ को पीठ के पीछे की ओर रखकर बाएं हाथ को दाएं पैर के पंजे तक लाएं। फिर धीरे-धीरे दायीं ओर मुड़ते हुए पीछे की ओर देखने का प्रयास करें। कुछ मिनट इस मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#2

कटिचक्रासन

कटिचक्रासन के लिए योगा मैट पर दोनों पैरों को एक-दूसरे से थोड़ा दूर फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं, फिर अपने हाथों को अपने सामने इस तरह फैलाएं कि हथेलियां एक-दूसरे के सामने हों। अब धीरे-धीरे अपने दाएं हाथ के साथ-साथ अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को भी दायीं ओर घुमाएं। दायीं ओर घुमाते समय दायां हाथ सीधा रहेगा और बायां हाथ मुड़ेगा। इसी प्रक्रिया को बायीं तरफ से भी दोहराएं। कुछ मिनट तक ऐसा करने के बाद सामान्य हो जाएं।

#3

भुजंगासन

भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं।

#4

ताड़ासन

ताड़ासन के लिए पहले योगा मैट पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाकर अपनी उंगलियों को आपस में फंसा लें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हों और शरीर को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें। जब शरीर पूरी तरह तन जाए तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें और सांस लेते रहें। अंत में सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।