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कान की मशीन सुनने में असमर्थ वयस्कों के सामाजिक जीवन को बनाती है बेहतर- अध्ययन

कान की मशीन सुनने में असमर्थ वयस्कों के सामाजिक जीवन को बनाती है बेहतर- अध्ययन

लेखन सयाली
Jul 05, 2025
03:56 pm

क्या है खबर?

भारत में लगभग 6.3 करोड़ लोग सुनने की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर अपना इलाज नहीं करवाते, जिस कारण उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। इस परेशानी को अनदेखा किया जाए तो यह संचार को कठिन बना सकती है, जिससे लोग बातचीत और सामाजिक गतिविधियों से दूर होने लगते हैं। इसी बीच एक अध्ययन किया गया है, जो बताता है कि कान की मशीन इस्तेमाल करने से मरीजों की सामाजिक जिंदगी भी बेहतर बन सकती है।

अध्ययन

कब और कहां हुआ था यह अध्ययन?

यह अध्ययन USC कारुसो ओटोलरींगोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी विभाग द्वारा किया गया है, जो USC के केक मेडिसिन का एक हिस्सा है। साथ ही इसे JAMA ओटोलैरिंगोलोजी-हेड एंड नेक सर्जन नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है। इसका नेतृत्व जेनेट चोई ने किया था, जो अस्पताल की आयुर्विज्ञान चिकित्सक हैं। यह पहला अध्ययन है, जो कान की मशीन और कोक्लियर इम्प्लांट्स को श्रवण हानि वाले वयस्कों के बेहतर सामाजिक जीवन से जोड़ता है।

महत्व

क्यों किया गया यह अध्ययन?

पिछले कुछ अध्ययनों से पता चला कि सामाजिक अलगाव सुनने में असमर्थ लोगों की मानसिक उत्तेजना को कम कर सकता है। इससे अकेलापन, चिंता, अवसाद, संज्ञानात्मक गिरावट और मनोभ्रंश का जोखिम बढ़ा सकता है। यही कारण था की चोई ने यह अध्ययन करने का निर्णय लिया था। चोई ने कहा, "इस अध्ययन से पहले यह स्पष्ट नहीं था कि श्रवण यंत्र अलगाव को दूर करने में मदद करते हैं या नहीं।"

प्रक्रिया

65 पुराने अध्ययनों का विश्लेषण करके पूरा हुआ यह शोध

चोई और उनकी टीम ने 65 पुराने अध्ययनों की एक व्यापक, व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण किया। इनमें 5,000 से ज्यादा प्रतिभागियों को शामिल किया गया था और बताया गया कि श्रवण यंत्र और कोक्लियर इम्प्लांट्स किस प्रकार 3 प्रमुख मापदंडों को प्रभावित करते हैं। ये मापदंड जीवन की सामाजिक गुणवत्ता, कथित सामाजिक बाधा और अकेलापन थे। इसमें सामाजिक बाधा सामाजिक स्थितियों में श्रवण हानि के कारण उत्पन्न होने वाली कुंठाओं को संदर्भित करती है।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

अध्ययन से पता चला कि श्रवण यंत्रों का उपयोग करने वाले वयस्क ज्यादा सामाजिक जुड़ाव महसूस करते हैं। वे सामूहिक बातचीत में बेहतर ढंग से शामिल होने में सक्षम होते हैं और शोरगुल वाले माहौल में भी सहज महसूस करते हैं। कान की मशीन से मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ गया, जिससे वे परिवार वालों, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ आसानी से जुड़ सके। इससे उनकी अकेलेपन की भावना कम हो गई और सामाजिक चिंता भी दूर हो गई।

कोक्लीयर इम्प्लांट्स

कोक्लीयर इम्प्लांट्स इस्तेमाल करने वाले लोगों को हुआ अधिक फायदा

जिन मरीजों ने कोक्लीयर इम्प्लांट्स इस्तेमाल किए, उनके सामाजिक जीवन की गुणवत्ता में सबसे ज्यादा सुधार हुए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कोक्लीयर इम्प्लांट्स अन्य श्रवण यंत्रों की तुलना में सुनने की क्षमता को सबसे ज्यादा बेहतर बनाते हैं। चोई ने कहा, "संचार और सामाजिक जुड़ाव में हमने जो सुधार देखा, उससे पता चलता है कि श्रवण उपकरण मस्तिष्क को ज्यादा सक्रिय रखकर संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद कर सकते हैं।"