वीकेंड को मजेदार बनाने के लिए कोलकाता के इन जगहों की करें यात्रा
अगर आप कोलकाता में रहते हैं और वीकेंड पर आपके ऑफिस की छुट्टी होती है तो इन्हें आप मजेदार बना सकते हैं। आप अपनी छुट्टियां कोलकाता के ऑफबीट पर्यटन स्थलों पर जाकर बिता सकते हैं। कोलकाता पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही आकर्षक है, लेकिन अगर आप इसके भीतर के स्थलों पर कई बार जा चुके हैं तो अपने आने वाले वीकेंड पर इसके नजदीक मौजूद पर्यटन स्थलों की ओर रुख करें। आइए कोलकाता के नजदीक मौजूद पर्यटन स्थल जानें।
सुंदरबन
कोलकाता से 130 किलोमीटर दूर सुंदरबन एक नेशनल पार्क है, जो दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगलों की मेजबानी के लिए जाना जाता है। यह नेशनल पार्क एक टाइगर रिजर्व और एक बायोस्फीयर रिजर्व भी है। सुंदरबन नेशनल पार्क कई पक्षियों और सरीसृपों के साथ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। यहां आपको 200 से अधिक रॉयल बंगाल टाइगर और लगभग 10, 000 चित्तीदार हिरण देखने को मिल सकते हैं।
शंकरपुर
शंकरपुर कोलकाता से लगभग 174 किलोमीटर दूर है। इसके समुद्र तट पर भीड़भाड़ कम होत है, इसलिए यह स्वच्छ और प्राचीन है। हालांकि, सदाबहार झाड़ियों और नीलगिरी के पेड़ों से आकर्षक रूप से घिरे हुए इस जगह पर समुद्र का पानी धीरे-धीरे काफी बढ़ रहा है। अगर आप अपने जीवन के कुछ क्षण शांति से बिताना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए एकदम सही है। यहां आपको सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखने को भी मिल सकता है।
रूपार्क गांव
रूपार्क गांव, एक खूबसूरत आदिवासी गांव रिसॉर्ट है, जो एक आदर्श देहाती अनुभव प्रदान करता है। शहर की भीड़ से बहुत दूर इस रिसॉर्ट में विचित्र मिट्टी और छप्पर के आवास, आदिवासी शिल्प कौशल और जीवन जीने के तरीके के साथ-साथ प्रकृति की अलग ही छठा देखने को मिलती है। आप यहां आकर बर्ड वॉचिंग पर जा सकते हैं और पंचलिंगेश्वर हिल्स, देवकुंड फॉल्स और चांदीपुर बीच को भी अपनी यात्रा का हिस्सा बना सकते हैं।
किरिबुरु और मेघाहाटुबुरू
कोलकाता से लगभग 386 किलोमीटर दूर ओडिशा-झारखंड सीमा के पास मौजूद ये दोनों शहर एक-दूसरे के चार किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। ये दोनों शहद पहाड़ियों और जंगलों से घिरे हुए हैं। वहीं, यहां का मौसम पूरे साल सुहावना रहता है, इसलिए वीकेंड पर कोलकाता से यहां आना बेहतरीन हो सकता है। आप यहां के झरनों, फुलबारी नदी, किरिबुरु सनसेट गार्डन, मेघाहाटुबुरू व्यू पॉइंट और सारंडा जंगल को अपनी यात्रा में शामिल कर सकते हैं।
पुरुलिया
कोलकाता से करीब 289 किलोमीटर दूर पुरुलिया को इसकी घास की पहाड़ियां और घने जंगल शांति चाहने वाले शहरवासियों के लिए एक देहाती माहौल के साथ एक आदर्श स्थान बनाते हैं। यह छोटा नागपुर पठार का एक हिस्सा, जहां का परिदृश्य पथरीला है। पुरुलिया का पर्यटन इसकी पुरातात्विक खुदाई और प्राचीन मंदिरों के अवशेषों के आसपास केंद्रित है। अगर आप इतिहास में रूचि रखते हैं तो यहां आ सकते है।