
तमिलनाडु के येलागिरी की ये पांच जगहें हैं आकर्षण का केंद्र, मौका मिलते ही घूम आएं
क्या है खबर?
अगर आपको ट्रेकिंग पसंद है और आप प्रकृति नजारों के बीच कुछ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं तो तमिलनाडु का येलागिरी नामक हिल स्टेशन आपके लिए आदर्श स्थान है।
समुद्र तल से 1,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस हिल स्टेशन में 14 बस्तियां और कई प्राचीन मंदिर हैं।
आइए आज हम आपको येलागिरी के पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं, जहां जाकर आप अपनी छुट्टियों का लुत्फ उठा सकते हैं।
#1
जलागाम्परै वॉटरफॉल्स
जलागाम्परै वॉटरफॉल्स येलागिरी के सबसे अद्भुत और लोकप्रिय झरनों में से एक है।
यह झरना अट्टारू नदी से निकलता है, जो राजसी येलागिरी पहाड़ियों से होकर गुजरती है।
इस झरने का पांच किलोमीटर वाला ट्रेक थोड़ा कठिन है, लेकिन इस खूबसूरत जगह पर पहुंचने के बाद आपको एक अलग ही अनुभव प्राप्त होगा।
नवंबर से मध्य फरवरी तक इस शानदार जगह पर जाने का सही समय है।
#2
श्री मोक्ष विमोचन मंदिर
येलागिरी में निलवूर झील के पास स्थित श्री मोक्ष विमोचन मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
इस मंदिर का नाम "मोक्ष विमोचन" वास्तव में मोक्ष या निर्वाण प्राप्त करना है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप 42 दिनों तक इस मंदिर में आकर प्रार्थना करते हैं तो आपकी सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
अपने सुखदायक और शांत वातावरण के लिए जाना जाने वाला यह मंदिर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।
#3
निलावूर झील
निलावूर झील एक सुंदर मानव निर्मित झील है, जो चारों ओर से हरियाली और शांत वातावरण से घिरी हुई है।
ताजी हवा, खूबसूरत नीले पानी, सुरम्य परिवेश और सुखद मौसम का आनंद लेते हुए नाव की सवारी करने के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
इसके अतिरिक्त, यह मंत्रमुग्ध कर देने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारों का आनंद लेने और शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए भी बेहतरीन जगह है।
#4
स्वमिमलाई हिल्स
येलागिरी के ऊंची चोटियों में से एक स्वमिमलाई हिल्स उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है, जो ट्रेकिंग करना पसंद करते हैं और पहाड़ों और हरियाली के साथ लुभावने दृश्यों को देखना चाहते हैं।
यह जगह एक केक के आकार की है, जिसमें एक उच्च शिखर और मजबूत आधार है, जो इसे काफी अनूठा बनाते हैं। लोगों के लिए यह ट्रेकिंग रास्ता ज्यादा कठिन नहीं है।
#5
सरकारी हर्बल फार्म
पुंगनूर झील के नजदीक मौजूद सरकारी हर्बल फार्म तमिलनाडु वन विभाग चलाता है।
आप यहां कई अनोखी और दुर्लभ जड़ी-बूटियों और पौधों को देख सकते हैं, जो कई तरह के औषधीय गुणों से समृद्ध होती हैं।
इन सभी जड़ी-बूटियों और पौधों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और अन्य व्यावसायिक दवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है।
यह फार्म सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक खुला रहता है।