बिहार: PFI से जुड़े आतंकी मॉड्यूल की जांच के लिए NIA की 30 जगहों पर छापेमारी
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कथित तौर पर जुड़े एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) बिहार के 30 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जिन जगहों पर छापेमारी हो रही है, उनमें छपरा, अररिया, औरंगाबाद, किशनगंज, नालंदा और जहानाबाद आदि शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि संगठन पर मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देने के नाम पर हथियारों की ट्रेनिंग देने वाले कैंप आयोजित करने का आरोप है।
जुलाई में हुआ था आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश
इसी साल जुलाई में बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मॉड्यूल के PFI के साथ संबंध बताए थे। पुलिस को आरोपियों के पास से 'इंडिया विजन 2047' नामक आठ पन्नों का दस्तावेज मिला था, जिसमें 'कायर बहुसंख्यक समुदाय को गुलाम बनाने और पुराना गौरव वापस प्राप्त करने' की बात लिखी गई थी। गृह मंत्रालय ने इसकी जांच NIA को सौंपी है।
उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार हुआ था तीसरा आरोपी
बिहार पुलिस ने छापेमारी कर जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से एक झारखंड पुलिस से रिटायर अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का पूर्व सदस्य और PFI से जुड़ा अथर परवेज शामिल है। मामले के तीसरे आरोपी नुरुद्दीन जंगी को कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। इन पर भारत-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है।
ED भी कर रही जांच
मॉड्यूल के पर्दाफाश के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। एजेंसी नागरिकता कानून विरोधी आंदोलन में PFI की कथित आर्थिक मदद की जांच कर रही है।
PFI को कट्टरपंथी संगठन बता चुका है केरल हाई कोर्ट
PFI पर पिछले काफी समय से देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजरें टिकी हुई हैं। रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे भी PFI का हाथ होने की बात सामने आई थी। इसी साल मई में केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI कट्टरपंथी संगठन है और हिंसा के कई गंभीर मामलों में इनका नाम सामने आया है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है और यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है। यह संगठन पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था। उस दौरान संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं। यह देश के कई हिस्सों में अपने पैर जमा चुका है।