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ओवर थिंकिंग की समस्या से उभारने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
ओवर थिंकिंग की समस्या से बचा सकते हैं ये योगासन

ओवर थिंकिंग की समस्या से उभारने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Jan 18, 2022
10:40 pm

क्या है खबर?

जिन लोगों को अपनी जिंदगी से ढेरों शिकायतें होती हैं, वे हमेशा ही एक अजीब सा दबाव महसूस करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे लोग हर समय कुछ न कुछ सोचते रहते हैं और ओवर थिंकिंग की चपेट में आ जाते हैं। अगर आप भी बेवजह की बातों में उलझे रहते हैं तो कुछ योगासन आपके दिमाग को शांत करते हुए इस समस्या से उभार सकते हैं। आइए आज उन्हीं योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।

#1

गरुड़ासन

गरुड़ासन के अभ्यास के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें। अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को घुटने की पीछे हिस्से के ऊपर ले जाएं, फिर अपनी दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास बना लें और इस मुद्रा में जितनी देर हो सके खुद को बनाकर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#2

बालासन

बालासन के अभ्यास के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और फिर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आएं और सामान्य हो जाएं।

#3

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं, फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।

#4

शीर्षासन

शीर्षासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की अवस्था में बैठें, फिर अपने दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करते हुए आगे की तरफ झुककर हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने सिर को झुकाकर जमीन से सटाएं, फिर पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सीधे कर लें। कुछ सेकेंड इसी मुद्रा में बने रहे और सामान्य गति से सांस लेते रहें, फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे करें और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।