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रात को आते हैं बुरे सपने? यह खाद्य पदार्थ हो सकता है वजह; अध्ययन में खुलासा

रात को आते हैं बुरे सपने? यह खाद्य पदार्थ हो सकता है वजह; अध्ययन में खुलासा

लेखन सयाली
Jul 02, 2025
11:31 am

क्या है खबर?

रात को सोते समय ज्यादातर लोग सपने देखते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को बुरे या डरावने सपने आने लगते हैं, जिनके कारण उनकी नींद खराब हो जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो समझ जाएं कि आपके द्वारा खाया गया एक खाद्य पदार्थ इसका कारण हो सकता है। हाल ही में एक नया अध्ययन किया गया है, जिसके जरिए सामने आया है कि सोने से पहले चीज का सेवन करने से बुरे सपने आ सकते हैं।

अध्ययन

कनाडा के एक विश्वविद्यालय में हुआ यह अध्ययन

इस अध्ययन को कनाडा स्थित मैकइवान विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। इसे फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसके जरिए पता चला है कि चीज जैसे डेयरी उत्पाद आपके अच्छे सपनों के सबसे बड़े दुश्मन हो सकते हैं। इसी कारण अध्ययन के शोधकर्ताओं ने सलाह दी कि रात के खान-पान में चीज को शामिल करने से सख्त परहेज करना चाहिए। इस शोध में डरावने सपनों और लैक्टोस इनटॉलेरेंस के बीच एक अहम संबंध देखा गया।

प्रक्रिया

1,000 छात्र बने इस अध्ययन का हिस्सा

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के 1,000 छात्रों का विश्लेषण किया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से उनकी नींद की गुणवत्ता और खान-पान की आदतों के बारे में सवाल-जवाब किए। अध्ययन में भाग लेने वाले लगभग एक तिहाई लोगों ने माना कि उन्हें नियमित रूप से बुरे सपने आते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अपने सपने याद रखने और खाद्य एलर्जी की शिकायत होने की संभावना ज्यादा होती है।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

40 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना ​​था कि देर रात को स्नैक्स या अन्य खाद्य पदार्थ खाने से पूरी रात नींद नहीं आती है। वहीं, अधिकांश लोगों ने नींद न आने की समस्या के लिए मिठाइयों, मसालेदार भोजन और डेयरी उत्पादों को दोषी ठहराया। केवल 5.5 प्रतिशत प्रतिभागियों को संदेह था कि उनका भोजन उनके सपनों पर असर डालता है। ज्यादातर लोगों ने माना कि सोने से पहले चीज खाने से ही अच्छे सपने आने बंद हुए थे।

निष्कर्ष

लैक्टोज इन्टॉलरेंट लोगों को है ज्यादा खतरा

इस अध्ययन के लेखक टोरे नीलसन ने कहा, "बुरे सपने आने की संभावना लैक्टोज इनटॉलेरेंस और अन्य खाद्य एलर्जी से जुड़ी हुई है।" अध्ययन के निष्कर्षों से यह पता चलता है कि कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशील लोगों की खान-पान की आदतों में बदलाव लाने से बुरे सपनों से छुटकारा मिल सकता है। नीलसन ने बताया, "गंभीर जठरांत्र संबंधी लक्षणों से पीड़ित लैक्टोज इन्टॉलरेंट लोगों को चीज खाने के बाद ज्यादा बुरे सपने आते हैं।"

शोध

अभी और अध्ययन की है जरूरत-शोधकर्ता

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस विषय में अभी और अध्ययन करने की जरूरत है। नीलसन ने कहा, "हमें अलग-अलग आयु, जीवनशैली और डाइट वाले ज्यादा लोगों पर अध्ययन करने की आवश्यकता है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या इसके परिणाम बड़ी आबादी पर लागू होते हैं या नहीं।" 2005 में ब्रिटिश चीज बोर्ड ने 200 लोगों के साथ एक अध्ययन किया था, जिसमें भी चीज और बुरे सपनों के बीच संबंध पाए गए थे।