लोगों को हैं रूमेटाइड आर्थराइटिस से जुड़े ये भ्रम, जानिए इनकी सच्चाई
क्या है खबर?
रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। इसके बारे में कई मिथक प्रचलित हैं, जिनके चलते लोग सही जानकारी से वंचित रह जाते हैं।
इस लेख में हम कुछ आम भ्रमों की सच्चाई को समझने की कोशिश करेंगे ताकि आप इस बीमारी का सामना बेहतर तरीके से कर सकें।
सही जानकारी के अभाव में लोग गलतफहमियों का शिकार होते हैं इसलिए इन भ्रमों को जानना और समझना जरूरी है।
#1
भ्रम- केवल बुजुर्गों को ही रूमेटाइड आर्थराइटिस होता है
यह सोचना गलत है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस केवल बुजुर्गों को ही होता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, यहां तक कि बच्चों और युवाओं को भी।
हालांकि, यह अधिकतर 30 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में देखा जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि युवा इससे सुरक्षित हैं।
इसलिए अगर आपको कोई लक्षण महसूस होते हैं तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो।
#2
भ्रम- ठंडे मौसम में रूमेटाइड आर्थराइटिस का दर्द होता है
कई लोग मानते हैं कि ठंडे मौसम में रूमेटाइड आर्थराइटिस का दर्द बढ़ जाता है।
मौसम का असर हो सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
कुछ लोगों को गर्मी या नमी वाले मौसम में भी परेशानी होती है। असलियत यह है कि हर व्यक्ति के शरीर की प्रतिक्रिया अलग होती है और इसे समझना जरूरी होता है ताकि सही उपचार किया जा सके।
#3
भ्रम- एक्सरसाइज करने से रूमेटाइड आर्थराइटिस का दर्द बढ़ता है
यह धारणा गलतफहमी पर आधारित होती है कि एक्सरसाइज करने से रूमेटाइड आर्थराइटिस का दर्द बढ़ता जाता होगा।
वास्तव मे, नियमित एक्सरसाइज जोड़ों की गतिशीलता बनाए रखने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे दर्द कम हो सकता है।
हल्के-फुल्के स्ट्रेचिंग या योग जैसी गतिविधियां फायदेमंद साबित हो सकती हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह अनुसार करना चाहिए ताकि कोई नुकसान न हो सके।
#4
भ्रम- रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए सिर्फ दवाइयों पर निर्भर रहना चाहिए
दवाइयां जरूर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन केवल उन पर निर्भर रहना सही नहीं होगा।
जीवनशैली बदलाव जैसे संतुलित आहार लेना, तनाव कम करना और नियमित एक्सरसाइज करना भी उपचार प्रक्रिया का अहम हिस्सा होते हैं।
इन उपायों के जरिए आप अपने लक्षणों को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं और बिना दवाइयों पर पूरी तरह निर्भर हुए बिना ही अपनी जीवन गुणवत्ता सुधार सकते हैं।
#5
भ्रम- रूमेटाइड आर्थराइटिस में घरेलू उपाय पूरी तरह कारगर होते हैं
घरेलू उपाय जैसे हल्दी दूध पीना या गर्म पानी सेंकना थोड़ी राहत दे सकते हैं, लेकिन इन्हें इलाज का विकल्प नहीं माना जा सकता।
ये उपाय सहायक भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर द्वारा सुझाई गई चिकित्सा पद्धति अपनाना जरूरी होता है।
घरेलू उपाय अपनाने से पहले विशेषज्ञ की राय लेना उचित रहता है ताकि कोई विपरीत प्रभाव न पड़े और उपचार प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ सके।