क्या अटलांटिक डाइट बढ़ते वजन को कर सकती है कम? जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
इन दिनों अटलांटिक डाइट चर्चा का विषय बनी हुई है। इसका कारण है कि दुनियाभर के अध्ययनों और विशेषज्ञों के मुताबिक यह डाइट मेडिटेरेनियन डाइट के समान है, जिसे सबसे अच्छे डाइट प्लान के रूप में जाना जाता है।
अटलांटिक डाइट न केवल वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, बल्कि यह खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की उच्च मात्रा को कम करने में भी सहायक है।
आइए आज इस डाइट के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
अटलांटिक डाइट को लेकर स्पेन में किया गया अध्ययन
JAMA नेटवर्क ओपन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन अटलांटिक डाइट के लाभों से परिचित कराता है।
यह अध्ययन स्पेन में अटलांटिक डाइट प्लान का पालन करने वाले 200 परिवारों पर किया गया।
लगभग 6 महीने के बाद प्रतिभागियों में बेहतर कोलेस्ट्रॉल स्तर, नियंत्रित ब्लड प्रेशर, संतुलित ब्लड शुगर और वजन घटने जैसे परिणाम सामने आए।
इसके अतिरिक्त अध्ययन से यह भी पता चला कि इस डाइट प्लान से मेटाबोलिक सिंड्रोम विकसित होने की संभावना भी कम हुई है।
डाइट
अटलांटिक डाइट क्या है और यह मेडिटेरेनियन डाइट से कैसे भिन्न?
अटलांटिक डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछलियां, दुग्ध उत्पाद और जैतून का तेल जैसे ताजे, मौसमी और स्थानीय खाद्य पदार्थों का सेवन करना होता है।
इस डाइट का उद्देश्य ताजे खान-पान पर जोर देते हुए प्रोसेस्ड फूड के सेवन से परहेज करना है। इसमें खाने की तकनीकें उबालना, भूनना, पकाना और सूप हैं।
यह डाइट मेडिटेरेनियन डाइट से अलग है क्योंकि ये पूरी तरह से प्लांट-बेस्ड है, जबकि मेडिटेरेनियन डाइट के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता।
वजन
बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में कितनी कारगर है यह डाइट?
अटलांटिक डाइट से कुछ हद तक वजन कम हो सकता है।
दरअसल, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और वजन पर निर्भर करता है और हर किसी की शारीरिक स्थिति एक जैसी नहीं होती है।
ऐसे में यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि अटलांटिक डाइट सभी के लिए कारगर है या नहीं। हां, इतना जरूर कहा जा सकता है कि इस डाइट से वजन पूरी तरह से कम हो या न हो, लेकिन कुछ बीमारियों का जोखिम जरूर कम हो सकता है।
नुकसान
अटलांटिक डाइट में क्या न खाएं?
यह डाइट ताजे खाद्य पदार्थों पर निर्भर करती है, इसलिए इसका पालन करते समय कुछ भी बासा खाने से बचें।
इसके अतिरिक्त अटलांटिक डाइट के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक्स, केक, ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें क्योंकि इनसे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
इसके साथ ही इसमें मौजूद किसी खाद्य पदार्थ का सेवन अगर कोई व्यक्ति पहली बार कर रहा है तो उस फूड एलर्जी जैसी समस्या भी हो सकती है।