हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं ये ब्रीथिंग एक्सरसाइज
हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज और कोरोनरी आर्टरी डिजीज आदि बीमारियां आज आम बन चुकी है क्योंकि हर पांच में से तीसरा व्यक्ति किसी न किसी हृदय रोग की चपेट में आ रहा है। हालांकि, अगर आप इन बीमारियों से बचें और हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अपने रूटीन में कुछ ब्रीथिंग एक्सरसाइज को शामिल करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी ब्रीथिंग एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हैं।
डायाफ्रामिक ब्रीथिंग
इस एक्सरसाइज के लिए किसी समतल और शांत जगह पर सीधे बैठ जाएं या फिर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपना एक हाथ सीने पर और दूसरा पेट पर रखें। इसके बाद नाक से सामान्य तरीके से ऐसे सांस लें कि पेट ज्यादा से ज्यादा अंदर की ओर सिकुड़े और फिर धीरे-धीरे नाक से सांस छोड़ें। इस एक्सरसाइज को एक से दो मिनट दोहराने के बाद सामान्य हो जाएं।
उद्गीथ ब्रीथिंग एक्सरसाइज
सबसे पहले एक्सरसाइज मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस एक्सरसाइज का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज के लिए सबसे पहले किसी कुर्सी या जमीन पर दीवार के सहारे टेक लगाकर एकदम सीधे बैठें। अब अपनी आंखें बंद करके लगभग एक मिनट के लिए अपनी नाक के माध्यम से सामान्य रूप से सांस लें और मुंह से छोड़ें। इस दौरान अपना ध्यान अपनी सांस पर रखें। 5-10 मिनट तक रोजाना इस एक्सरसाइज का अभ्यास करें। यह एक्सरसाइज शरीर में ऑक्सीजन को बढ़ाने और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
शीतली ब्रीथ
इसके लिए सबसे पहले किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब अपने हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखकर अपनी जीभ से नली का आकार बना लें। दोनों किनारों से जीभ को मोड़कर नली का आकार बनाएं। फिर इसी स्थिति में लंबी और गहरी सांस लेकर जीभ को अंदर करके मुंह को बंद कर लें। इसके बाद अपनी नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 20-25 बार दोहराएं।