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टखनों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
टखने के दर्द से राहत दिलाने वाले योगासन

टखनों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Nov 24, 2021
08:04 am

क्या है खबर?

टखनों में दर्द होना एक कष्टदायक समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि इसके कारण चलने-फिरने में काफी दिक्कत होने लगती है। इसलिए अगर आपको कभी किसी भी कारणवश टखनों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और उनकी बताई दवाओं के सेवन के साथ कुछ योगासनों का अभ्यास करें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो टखनों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

#1

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं, फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।

#2

गोमुखासन

गोमुखासन के लिए पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठकर अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बायीं जांघ के ऊपर से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रखें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दायीं जंघा के नीचे से दाएं नितंब के पास जमीन पर रख लें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।

#3

बालासन

बालासन के अभ्यास के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और फिर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आएं और सामान्य हो जाएं।

#4

गरुड़ासन

गरुड़ासन के अभ्यास के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें। अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को घुटने की पीछे हिस्से के ऊपर ले जाएं, फिर अपनी दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास बना लें और इस मुद्रा में जितनी देर हो सके खुद को बनाकर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।