फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारे फेफड़ों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगती है और इसके कारण सांस लेने में दिक्कत होना समेत कई फेफड़ों संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अगर रोजाना कुछ हस्त मुद्राओं का अभ्यास किया जाए तो इनसे फेफड़ों की कार्यक्षमता मजबूत होती है, जिसके चलते यह कई बीमारियों से सुरक्षित और स्वस्थ रहता है। इसके साथ इनसे तनाव से छुटकारा भी मिलता है। आइए आज हम आपको कुछ हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं।
अपान वायु मुद्रा
अपान वायु मुद्रा के लिए पहले सुखासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां आसमान की ओर हो। इसके बाद अपने हाथों की तर्जनी उंगली को मोड़ते हुए अंगूठे की जड़ से सटाएं, फिर अनामिका और मध्यमा उंगली को मोड़कर अंगूठे की नोक को दबाएं। इस दौरान छोटी उंगली बाहर की ओर फैलाएं और दोनों आंखें बंद रखें। कुछ देर बाद इस मुद्रा को छोड़ दें।
उनमानी मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर किसी भी अरामादायक की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने भौहों के बीच के हिस्से पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करें, जिसे तीसरी आंख के रूप में भी जाना जाता है और अपने मन से बाकी सारे विचार निकाल दें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और मुद्रा को छोड़ दें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें, फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें
ब्रह्म मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को छाती के सामने लाकर हथेलियों की मुट्ठी बना लें, फिर अपने दोनों अंगूठों को उंगुलियों के भीतर रखें, फिर धीरे-धीरे अपने हाथों को अपने पेट के पास जाएं। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 20 से 25 मिनट तक इस मुद्रा को बनाए रखें।