पैसिव स्मोकिंग से शरीर को होती हैं कई हानियां, सिगरेट पीने वालों से बनाएं दूरी
सभी जानते हैं कि धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके साथ ही पैसिव स्मोकिंग (धूम्रपान करने वालों के बीच रहकर न चाहते हुए भी धुएं का सेवन करना) भी आपको नुकसान पहुंचा सकती है पैसिव स्मोकिंग तब होती है, जब धूम्रपान न करने वाले लोग धूम्रपान करने वालों द्वारा छोड़े गए धुएं को सांस लेते वक्त अंदर लेते हैं। इस कारण शरीर को इन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
फेफड़े का कैंसर
अध्ययनों से पता चलता है कि पैसिव स्मोकिंग करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक होता है। दूसरों के धूम्रपान करते वक्त नाक में गए धुएं में बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड सहित कई पदार्थ होते हैं, जो फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। ये फेफड़ों की कार्यप्रणाली को भी बिगाड़ सकते हैं। पैसिव स्मोकिंग से फेफड़ों की कार्यक्षमता खराब हो सकती है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है।
हृदय रोग
पैसिव स्मोकिंग हृदय को भी हानि पहुंचा सकती है। यह हृदय रोग, दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी परेशानियों के जोखिम को बढ़ावा देती है। सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन की वजह से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ सकती हैं। साथ ही यह रक्तचाप बढ़ाकर रक्त के थक्कों के निर्माण में योगदान दे सकते हैं, जो हृदय रोग का कारण बनता है। अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान कर रहे लोगों से दूर खड़े रहें।
श्वसन संबंधी समस्याएं
पैसिव स्मोकिंग से खांसी, घरघराहट और सांस की तकलीफ सहित कई प्रकार की श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। धूम्रपान के संपर्क में आए धूम्रपान न करने वालों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा पैसिव स्मोकिंग से एलर्जी और साइनस की समस्या होती हैं। धुएं में मौजूद प्रदूषक तत्व एलर्जी प्रतिक्रियाओं, साइनस कंजेशन और सूजन को बढ़ा सकते हैं।
स्ट्रोक का खतरा
पैसिव स्मोकिंग स्ट्रोक के लिए एक बड़ा जोखिम कारक है। इससे धूम्रपान में मौजूद विषाक्त पदार्थ रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये मस्तिष्क में रक्त के सामान्य प्रवाह को बाधित कर सकते हैं, जिससे धूम्रपान न करने वालों में स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ जाती है। इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आपके करीब कोई व्यक्ति धूम्रपान कर रहा हो तो तुरंत उस जगह से दूर जाकर खड़े हो जाएं।
मानसिक स्वास्थ्य को हो सकता है नुकसान
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि पैसिव स्मोकिंग मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। धूम्रपान न करने वालों को सिगरेट के धुंए के कारण तनाव और चिंता होती है। धूम्रपान में मौजूद पदार्थों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों के कारण अवसाद भी हो सकता है। बच्चों और किशोरों को याददाश्त, ध्यान लगाने और चीजें सीखने की क्षमताओं में कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए आपको इन खाद्य-पदार्थों को भी छोड़ना होगा।