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    WHO: स्वीटनर एस्पार्टेम बन सकता है कैंसर का कारण, सीमित मात्रा में करें उपयोग
    स्वीटनर एस्पार्टेम बन सकता है कैंसर का कारण

    WHO: स्वीटनर एस्पार्टेम बन सकता है कैंसर का कारण, सीमित मात्रा में करें उपयोग

    लेखन अंजली
    Jul 14, 2023
    02:09 pm

    क्या है खबर?

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इंटरनेशनल रिसर्च एजेंसी ऑन कैंसर (IARC) का एस्पार्टेम के स्वास्थ्य प्रभाव का आकलन शुक्रवार को सामने आया।

    परिणामों ने पुष्टि की है कि कोका-कोला और डाइट सोडा जैसे उत्पादों के लिए उपयोग किए जाने वाले दुनिया के सबसे लोकप्रिय स्वीटनर में से एक स्वीटनर एस्पार्टेम एक 'संभावित कैंसरजन' है।

    हालांकि, रोजाना इसका सीमित मात्रा में उपयोग करना सुरक्षित है। इसे 40 मिलीग्राम मात्रा में लेना सुरक्षित होगा।

    जानकारी

    स्वीटनर की मात्रा का रखें ध्यान- WHO 

    WHO के पोषण और खाद्य सुरक्षा निदेशक फ्रांसेस्को ब्रांका ने कहा, "हम कंपनियों को उत्पाद वापस लेने को नहीं कह रहे हैं और न ही उपभोक्ताओं को पूरी तरह से उपभोग बंद करने की सलाह दे रहे हैं। बस इसका उपयोग सीमित मात्रा में करें।"

    मात्रा

    कितनी मात्रा में एस्पार्टेम लेना चाहिए?

    अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, एस्पार्टेम के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) का एरिया ऑफ डोमिनेंट इनफ्लुएंस (ADI) प्रति दिन शरीर के वजन का 50 मिलीग्राम है।

    हालांकि, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO), जॉइंट एक्सपर्ट कमेटी ऑन फूड एडीटाइव्स (JECAFA) और यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (EFSA) 40 मिलीग्राम ADI लेने की सिफारिश करते हैं।

    इसका मतलब है कि 70 किलोग्राम वजन वाले लोगों को 40 मिलीग्राम 9-14 ADI वाले डाइट सोडा का सेवन करना चाहिए।

    2

    लिवर कैंसर हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा से जुड़ा हुआ है एस्पार्टेम 

    एस्पार्टेम को साल 1974 में FDA द्वारा अप्रूव किया गया था और इसका उपयोग गोंद, अनाज, इंस्टेंट कॉफी, डेयरी उत्पादों और अन्य खाद्य पदार्थों में स्वीटनर के रूप में किया जाता है।

    हालांकि, WHO के IARC ने अब अमेरिका और यूरोप में आर्टिफिशियल स्वीटनर वाली ड्रिंक्स की जांच करने वाले 3 बड़े मानव अध्ययनों की समीक्षा के बाद एस्पार्टेम और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा नामक एक प्रकार के लीवर कैंसर के बीच एक संभावित जुड़ाव की पहचान की है।

    वर्गीकरण

    सीमित साक्ष्य के आधार पर किया गया वर्गीकरण 

    IARC के एक वरिष्ठ अधिकारी डॉ. मैरी शुबाउर-बेरिगन ने इस बात पर जोर दिया कि संभावित कैंसरजन के रूप में एस्पार्टेम का वर्गीकरण सीमित साक्ष्य पर आधारित है।

    डॉ शुबाउर-बेरिगन ने बताया कि उपरोक्त 3 अध्ययन चांस, बायस और अन्य सीमाओं से प्रभावित हो सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए कि क्या इस आर्टिफिशियल स्वीटनर के सेवन से वास्तव में कैंसर हो सकता है। इसके लिए अभी और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है।

    ग्रुप

    ग्रुप 2B में रखा गया एस्पार्टेम 

    एस्पार्टेम को ग्रुप 2B में रखा गया था, जो उन पदार्थों की निगरानी सूची की तरह है, जिनके बारे में WHO का मानना है कि उनमें इंसानों में कैंसर पैदा करने की क्षमता हो सकती है।

    अभी इस सूची में 323 अलग-अलग एजेंट हैं और इसमें कुछ उपयोग की जाने वाली पौष्टिक सामग्रियां जैसे एलोवेरा अर्क, ब्रैकेन फर्न और यहां तक कि किमची जैसी पारंपरिक एशियाई मसालेदार सब्जियां भी शामिल हैं।

    श्रेणियां

    WHO ने एजेंटों को 4 श्रेणियों में बांटा

    मनुष्यों के लिए संभावित कैंसरजन्यता के आधार पर एजेंटों के 4 मुख्य विभाजन किए गए हैं।

    ग्रुप 1 में 126 एजेंट शामिल हैं, जिनकी पुष्टि मनुष्यों के लिए कैंसरकारी के रूप में की गई है।

    ग्रुप 2A में 95 एजेंटों को कैंसरकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

    ग्रुप 2B में 323 एजेंट शामिल हैं, जिन्हें संभावित कैंसरकारी में वर्गीकृत किया गया है।

    ग्रुप 3 में 500 एजेंट शामिल हैं, जो मनुष्यों के लिए कैंसरजन्यता नहीं हैं।

    स्वीटनर

    विभिन्न प्रकार की खान-पान की चीजों में पाया जाता है एस्पार्टेम

    एस्पार्टेम का उपयोग आमतौर पर कई तरह की खान-पान की चीजों में किया जाता है।

    यह डाइट सोडा, च्यूइंग गम, जिलेटिन, आइसक्रीम, दही, टूथपेस्ट, कफ ड्राप्स और यहां तक कि चबाने योग्य विटामिन में भी होता है।

    इसी साल मई में WHO ने कहा कि एस्पार्टेम सहित अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर वजन घटाने में मदद नहीं करते हैं, जैसा कि कई लोग मानते हैं लेकिन इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।

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