
जल्द ही भारत से बैंकॉक कार से जा सकेंगे, 70 प्रतिशत तैयार हुआ हाईवे
क्या है खबर?
कुछ समय बाद आपको भारत से बैंकॉक जाने के लिए फ्लाइट बुक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप इस सफर को कार के जरिए भी पूरा कर सकेंगे।
यह संभव होगा भारत, म्यांमार और थाइलैंड द्वारा मिलकर बनाए जा रहे कोलकाता-बैंकॉक हाइवे से, जो लगभग 1,360 किलोमीटर लंबा होगा।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे लगभग तैयार है।
आइए इस हाईवे से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
प्रोजेक्ट
हाईवे प्रोजेक्ट लगभग 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है- नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि हाईवे प्रोजेक्ट का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा, "3 देशों द्वारा बनाए जाए जा रहे इस हाईवे का काम अगले 3 से 4 वर्षों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। एक बार पूरा होने पर आप कोलकाता से बैंकॉक तक सड़क यात्रा कर सकेंगे।"
इसके बाद भारत की लाओस, कंबोडिया, वियतनाम और अन्य जगहों पर त्रिपक्षीय हाईवे का विस्तार करने की योजना है।
शुरूआत
अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था इस हाईवे का प्रस्ताव
सबसे पहले इस हाईवे का प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रखा था। इस परियोजना को अप्रैल, 2002 में एक मंत्री-स्तरीय बैठक के दौरान मंजूरी मिली।
हालांकि, उनकी सरकार जाने के बाद यह परियोजना कागजों तक ही सिमटकर रह गई, फिर साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद इस परियोजना को महत्व दिया गया और इसका काम शुरू हुआ।
जानकारी
कहां और कैसे शुरू होगा यह हाईवे?
भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा के पास स्थित मोरे नामक जगह से शुरू होगा।
यह रोमांचक यात्रा आपको म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित एक खूबसूरत शहर माई सॉट तक ले जाएगी।
मणिपुर की राजधानी इंफाल से मोरेह तक का एक भाग इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र में यात्रा करने के अवसर मिलेंगे।
बयान
थाईलैंड की ओर से 99 प्रतिशत काम हुआ पूरा- थाईलैंड के उप विदेश मंत्री
थाईलैंड के उप-विदेश मंत्री विजावत इसराभाकदी ने हाल ही में मीडिया को बताया, "थाईलैंड में बनने वाले चार-लेन एक्सप्रेसवे का 99 प्रतिशत हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है। अब यह प्रोजेक्ट कितनी तेजी से बढ़ेगा, इसमें बहुत कुछ भारत और म्यांमार की सरकारों पर निर्भर करता है।"
यह हाईवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि वस्तुओं और सेवाओं की सुचारू आवाजाही को सुविधाजनक बनाकर आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।