क्या शुगर-फ्री ड्रिंक्स सच में सेहतमंद होती हैं? जानिए सच्चाई
क्या है खबर?
आजकल बाजार में शुगर-फ्री ड्रिंक्स का चलन बढ़ता जा रहा है। लोग इन्हें सेहतमंद विकल्प मानकर पीते हैं, लेकिन क्या ये वाकई में हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं?
इस लेख में हम शुगर-फ्री ड्रिंक्स से जुड़े कुछ आम मिथकों पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इनका हमारे शरीर पर क्या असर होता है।
शुगर-फ्री का मतलब हमेशा कैलोरी-फ्री नहीं होता और अप्राकृतिक मिठास के भी अपने नुकसान होते हैं।
मिथक 1
शुगर-फ्री का मतलब कैलोरी-फ्री नहीं
बहुत से लोग सोचते हैं कि शुगर-फ्री ड्रिंक्स का मतलब है कि उनमें बिल्कुल भी कैलोरी नहीं होती। यह सच नहीं है।
कई बार इनमें अन्य मिठास देने वाले तत्व मिलाए जाते हैं जो कैलोरी प्रदान करते हैं। इसलिए अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो सिर्फ 'शुगर-फ्री' लेबल देखकर किसी भी ड्रिंक को पीना सही नहीं होगा।
हमेशा सामग्री की जांच करें और सुनिश्चित करें कि उसमें अतिरिक्त कैलोरी न हो।
मिथक 2
अप्राकृतिक मिठास के नुकसान
शुगर-फ्री ड्रिंक्स में अक्सर अप्राकृतिक मिठास देने वाले तत्व जैसे एस्पार्टेम या सैकरीन मिलाए जाते हैं। ये तत्व लंबे समय तक सेवन करने पर सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
कुछ शोधों ने यह भी दिखाया है कि ये तत्व मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा ये तत्व पेट की समस्याएं और सिरदर्द भी कर सकते हैं। इसलिए इनका सेवन सावधानी से करना चाहिए।
मिथक 3
प्राकृतिक विकल्प ही होते हैं बेहतर
अगर आप सचमुच अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहते हैं, तो प्राकृतिक विकल्प चुनना बेहतर होता है। नींबू पानी, नारियल पानी या ताजे फलों का रस न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि इनमें विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर को पोषण देते हैं।
इसके अलावा, ये पेय पदार्थ हाइड्रेशन बनाए रखने में भी मदद करते हैं और आपको ताजगी का अनुभव कराते हैं। इनका सेवन करने से आप स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करेंगे।
मिथक 4
मानसिक संतुष्टि की होती है कमी
कई शोध बताते हैं कि शुगर-फ्री ड्रिंक्स पीने पर हमारा दिमाग असली चीनी की कमी महसूस करता है। इससे मीठा खाने की इच्छा बढ़ सकती है और हम ज्यादा कैलोरी ग्रहण कर लेते हैं।
इसलिए अगर आप मीठे की क्रेविंग को कम करना चाहते हैं तो थोड़ी मात्रा में असली चीनी वाले पेय पदार्थ ही पिएं।
'शुगर-फ्री' लेबल देखकर किसी भी पेय पदार्थ को पूरी तरह से सेहतमंद मान लेना सही नहीं होगा।