सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो करें इन 5 योगासन का अभ्यास, जल्द मिलेगा आराम
बहुत से लोगों को अक्सर सिरदर्द की शिकायत रहती है। यह माइग्रेन और साइनस जैसे कई प्रकार के हो सकते हैं। इन दर्द से राहत पाने के लिए लोग तुरंत दवाई खा लेते हैं, लेकिन यह ठीक नहीं है। इससे बचाव के लिए आप कुछ योगासनों का अभ्यास करके दवाओं पर निर्भर रहने से बच सकते हैं। आइए आज हम आपको सिरदर्द की समस्या से राहत पाने के लिए 5 योगासन के अभ्यास का तरीका बताते हैं।
बालासन
बालासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से लगाएं। इस स्थिति में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाएं। अब दोनों पैरों को आपस में सटाकर आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। इसके बाद दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अब माथे को घुटनों से सटाते हुए दोनों हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। अब गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।
उत्तानासन
उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए आगे की ओर नीचे झुकें। इस समय ध्यान रहें कि घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद दोनों हाथों से पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
विपरीत करणी
इसके लिए सबसे पहले एक दीवार के पास बैठें और फिर योगा मैट पर लेट जाएं। अब कूल्हों को दीवार के पास ले जाएं और फिर पैरों को सीधा ऊपर की तरफ उठाएं। इस दौरान हाथों को बगल में रखें और अपना ध्यान सांस पर रखें। कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहने के बाद सामान्य हो जाएं। यह योग बेहद आसान है और इसे करने से सिरदर्द की समस्या दूर हो सकती है।
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल फर्श पर लेट जाएं और फिर हथेलियों को नीचे की ओर सीधा रखें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं। अब कूल्हों को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं और इस दौरान हाथ जमीन पर रखें। ऐसा करते हुए सांस अंदर लें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस से सामान्य स्थिति में आ जाएं।