महाभारत काल के ये 5 व्यंजन आज भी मशहूर, नाम सुनकर मुंह में आ जाएगा पानी
अगर आपको लगता है कि महाभारत काल के दौरान लोग केवल कच्चे फल और सब्जियां ही खाते थे तो आप गलत हैं। उस समय ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय लगभग सभी चीजें खाते थे, जिनमें कुछ आधुनिक भारतीय व्यंजन भी शामिल थे। उन्हें आज बड़े पैमाने पर पसंद किया जाता है। अगर आप सोच रहे हैं कि हम यह बात कैसे सटीकता से कह सकते हैं तो बता दें कि इन व्यंजन का उल्लेख कई सदियों पुराने प्राचीन ग्रंथों में है।
पानी पूरी
पानी पूरी को गोल गप्पा, पुचका, फुल्की या पानी के बताशे जैसे नामों से जाना जाता है। यह सबसे लोकप्रिय भारतीय स्ट्रीट फूड में से एक है, जो देश के कई हिस्सों में उपलब्ध है। किंवदंतियों के अनुसार, यह व्यंजन सबसे पहले द्रौपदी द्वारा बनाया गया था, जब उनकी सास ने उन्हें बचे हुए आलू की सब्जी और आटे से कुछ बनाने के लिए कहा था। यहां जानिए 5 अनोखी पानी पूरी की रेसिपी।
खीर
खीर दूध और चावल से बनी एक स्वादिष्ट मिठाई है, जो कई शुभ अवसरों पर अमूमन बनाई जाती है। महाभारत काल की बात करें तो 5 पांडव भाइयों में सबसे बड़े युधिष्ठिर के लिए यह एक भेंट थी, जिसका वह हर दिन आनंद लेते थे। इतना ही नहीं, इस दूधिया व्यंजन का उल्लेख 'उद्योग पर्व: भागवत याना पर्व: खंड CXLIII' में आसानी से पाया जा सकता है। यहां जानिए 5 तरह की खीर की रेसिपी।
साशकुली
'साशकुली' चावल या जौ को चाशनी में उबालकर बनाई जाने वाली गोल पाई का संस्कृत नाम है। भागवत गीता में इस व्यंजन का वर्णन चावल के आटे, तिल और चीनी से बने एक बड़े केक के रूप में किया गया है, जिसे कान का आकार दिया जाता है और फिर घी में तला जाता है। प्रसिद्ध मिठाई जलेबी इस प्राचीन पेशकश से काफी मिलती जुलती है।
क्रिसारा
क्रिसारा एक गाढ़ा मीठा पेस्ट होता है, जिसमें चावल, चीनी, दूध, तिल, इलायची, दालचीनी और केसर होता है। यह देखने में भले ही खीर जैसा लगता है, लेकिन असल में उससे बहुत अलग होता है। फिर भी इसे खीर का अधिक मिश्रित संस्करण कहा जाता है क्योंकि इसमें चावल पूरी तरह से मसला हुआ होता है। इसका उल्लेख महाभारत की 18 पुस्तकों में से 12वीं पुस्तक 'शांति पर्व' में मिलता है।
अवियल
अवियल एक तरह की सब्जी है, जिसे दही और नारियल के दूध से बनाया जाता है। यह केरल का एक स्वादिष्ट व्यंजन है। हालांकि, अगर किंवदंतियों पर विश्वास किया जाए तो इस व्यंजन का आविष्कार सबसे पहले 5 पांडवों में से एक भीम ने किया था, जब वह ऋषि दुर्वासा के लिए खाना बना रहे थे। जब उन्होंने यह सब्जी बनाई तो उनके पास केवल कुछ सब्जियां और दही था।