केरल के त्रिशूर में स्थित हैं ये 5 घूमने योग्य स्थल, एक बार जरूर जाएं
केरल में संस्कृति और परंपरा के लोकप्रिय केंद्रों में से एक त्रिशूर है। यहां बेहतरीन वास्तुकला वाले कई प्राचीन मंदिर और चर्च हैं, जो यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर सकते हैं। यह स्थल प्राचीन समुद्र तटों और झरनों का भी घर है और यहां मौजूद वडक्कुनाथन मंदिर में हर साल प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम उत्सव का आयोजन किया जाता है। अगर आप त्रिशूर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो नीचे लिखे यहां के घूमने योग्य स्थल जरूर जाएं।
पुन्नाथुर कोट्टा
त्रिशूर में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक पुन्नाथुर कोट्टा है। यह एक हाथी अभयारण्य है, जिसमें सबसे अधिक संख्या में बंदी हाथी रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह अभयारण्य पहले एक महल हुआ करता था, जो एक स्थानीय शासक का था। यहां महावत नामक हाथी सवारों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र और देवी भगवती और भगवान शिव को समर्पित मंदिर भी मौजूद हैं। यहां जनिए भारत के 5 सबसे प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य के बारे में।
अथिराप्पिल्ली झरना
त्रिशूर के बाहरी इलाके में स्थित अथिराप्पिल्ली झरना राज्य का सबसे बड़ा झरना है और यहां के नजारें मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं। 24 मीटर ऊंचे और 100 मीटर चौड़े इस झरने को भारत का नियाग्रा फॉल्स भी कहा जाता है। चालकुडी नदी पर स्थित यह झरना ग्रुप आउटिंग के लिए एक बढ़िया जगह है। यह रोजाना सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। केरल की यात्रा के दौरान इन 5 चीजों की खरीदारी जरूर करें।
चावक्कड़ समुद्र तट
त्रिशूर में स्थित चावक्कड़ समुद्र तट की सुनहरी रेत और नीला पानी दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस शांत समुद्र तट पर चट्टानों से टकराने वाली लहरों की आवाज और यहां का वातावरण आपको बहुत पसंद आएगा। आप यहां पर सूर्यास्त का अद्भुत नजारे का भी आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां आयुर्वेदिक फार्मलैंड भी देखा जा सकता है। दक्षिण भारत के इन प्रसिद्ध समुद्र तटों की भी यात्रा करें।
परमेक्कावु भगवती मंदिर
त्रिशूर में देखने योग्य धार्मिक स्थलों में से एक परमेक्कावु भगवती मंदिर है, जो केरल का सबसे बड़ा मंदिर है और यह देवी वैष्णवी को समर्पित है। लगभग 1,000 साल पुराने इस मंदिर में कई धार्मिक उत्सव आयोजित होते हैं, जो सालभर सैकड़ों भक्तों को आकर्षित करते हैं। यह मंदिर त्रिशूर पूरम उत्सव में भी भाग लेता है और वडक्कुनाथन मंदिर तक 15 हाथियों का एक भव्य जुलूस निकालता है।
बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ डोलोर्स
त्रिशूर में शुद्ध सफेद मणि की तरह चमकता हुआ बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ डोलर्स शहर की हरी-भरी घाटियों के बीच बसा हुआ है। यह राज्य का सबसे बड़ा चर्च है, जो 25,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। इंडो-गॉथिक शैली की वास्तुकला में बना हुआ इस चर्च के अंदरूनी हिस्सों में आपको भित्तिचित्र कला और धर्मग्रंथों के बेहतरीन दृश्य देखने को मिलेंगे, जो बेहद खूबसूरत हैं।