नोएडा: टिक-टॉक वीडियो पर लाइक्स नहीं मिलने से दुखी युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिक-टॉक ऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने हमारी जिंदगी में बहुत बड़ी जगह बना ली है। बहुत लोग ऐसे हैं जो इन प्लेटफॉर्म पर मनचाहे लाइक्स और कमेंट न मिलने का कारण दुखी हो जाते हैं तो कई लोग जिंदगी खत्म करने जैसा गलत कदम भी उठा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा में आया है। यहां एक युवक ने टिक-टॉक वीडियो पर अच्छे लाइक नहीं मिलने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली।
पंखे पर लगाए गए फंदे से झूलकर की आत्महत्या
नोएडा के सेक्टर 39 पुलिस थाना प्रभारी शैलेश तोमर ने बताया कि मृतक युवक मालदा जिले के नादिया गांव का निवासी इकबाल था। वह अपने पिता के साथ नोएडा की एक कंपनी में काम करता था और लॉकडाउन के कारण सेक्टर 39 स्थित अपने कमरे पर रह रहा था। गुरुवार देर रात युवक कमरे में लखे पंखे से फंदा डालकर उस पर झूल गया। शुक्रवार सुबह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर निकाला शव
थाना प्रभारी तोमर ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची तो युवक का कमरा बंद था। इस पर पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया और देखा कि युवक फंदे से झूल रहा है। उन्होंने बताया कि मौके से कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
मृतक के पिता ने बताई घटना की वजह
सहायक पुलिस आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मृतक युवक के पिता ने आत्महत्या के पीछे टिक-टॉक वीडियो पर लाइक्स नहीं मिलना वजह बताया है। पिता के अनुसार इकबाल टिक-टॉक वीडियो बनाने का शौकीन था और नियमित रूप से वीडियो बनाकर अपलोड कर रहा था। गत कई दिनों से वीडियो पर लाइक्स नहीं मिलने से वह बहुत दुखी था और गुरुवार रात को उसने यह खौफनाक कदम उठाकर अपनी जान दे दी।
पुलिस ने जताया प्रतिस्पर्धा को लेकर आत्महत्या करने का संदेश
पुलिस अधिकारियों ने युवक की आत्महत्या के पीछे प्रतिस्पर्धा होने का संदेह जताया है। पुलिस का मानना है कि युवक के दोस्त भी टिक-टॉक वीडियो बनाते होंगे और उनके वीडियो पर लगातार अच्छे लाइक्स आ रहे होंगे। ऐसे में अपने वीडियो पर लाइक्स न मिलने से वह बहुत तनाव में आ गया होगा। हालांकि, इस संबंध में उसके पिता ने किसी के भी खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
लॉकडाउन में शराब नहीं मिलने से एक दर्जन से अधिक लोगों ने की आत्महत्या
बता दें कि लॉकडाउन में सभी राज्यों ने शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका सबसे ज्यादा असर केरल राज्य में देखने को मिला था। शराब नहीं मिलने के कारण नियमित रूप से शराब पीने के आदि एक दर्जन से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली थीं। उसके बाद सरकार ने मनोचिकित्सकों की भी मदद ली थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में केरल सरकार ने चिकित्सकों की सलाह पर लोगों को शराब देने का निर्णय किया था।