टिक-टॉक पर बैन से कंपनी को हो रहा है इतना नुकसान, कल आएगा बड़ा फैसला
क्या है खबर?
वीडियो शेयरिंग ऐप टिक-टॉक पर लगी रोक के कारण रोजाना करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
टिक-टॉक के डेवलपर बीजिंग बाइटडांस टेक्नोलॉजी कंपनी ने कोर्ट को बताया कि ऐप पर लगी रोक के कारण रोज लगभग 3.5 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हो रहा है। साथ ही लगभग 250 लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
दुनिया की सबसे मशहूर ऐप में से एक टिक-टॉक यूजर्स को स्पेशल इफेक्ट्स के साथ छोटे वीडियो बनाने की सहूलियत देती है।
डाउनलोड
100 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड
दुनियाभर में टिक-टॉक को 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है, जिसमें से लगभग 3 करोड़ डाउनलोड भारत में किए गए हैं।
इस महीने की शुरुआत में मद्रास हाई कोर्ट ने अश्लीलता फैलाने के बात कहते हुए केंद्र सरकार से टिक-टॉक पर बैन लगाने को कहा था।
इसके बाद सरकार ने गूगल और ऐपल से अपने ऐप स्टोर से टिक-टॉक हटाने के आदेश दिए थे। इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
मांग
कोर्ट से रोक हटाने की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइटडांस ने सुप्रीम कोर्ट से टिक-टॉक पर लगी रोक को हटाने की मांग की है।
कंपनी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वो गूगल और ऐपल से अपने प्लेटफॉर्म पर टिक-टॉक को उपलब्ध करवाएं।
साथ ही कहा गया है रोजाना इस रोक से कंपनी के यूजर बेस पर नकारात्मक असर पड़ रहा है और रोजाना लगभग 10 लाख नए यूजर्स कंपनी के साथ नहीं जुड़ पा रहे हैं।
फैसला
मद्रास हाई कोर्ट ने इसलिए लगाई थी रोक
मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने 3 अप्रैल को वीडियो ऐप टिक-टॉक को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दिया था।
कोर्ट ने केंद्र को टिक-टॉक की डाउनलोडिंग पर बैन लगाने को कहा था।
इसके साथ हाई कोर्ट ने मीडिया को भी यह निर्देश दिया है कि टिक-टॉक पर बने वीडियो का प्रसारण न किया जाए।
कोर्ट का कहना था कि इसके माध्यम से अश्लील सामग्री परोसी जा रही है, जो बच्चों के लिए काफी हानिकारक है।
मामला
तमिलनाडु सरकार ने कही थी टिक-टॉक को बैन करने की बात
दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट का यह आदेश तमिलनाडु के सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम मणिकंदन के बयान के दो महीने बाद आया था।
मणिकंदन ने कहा था कि तमिलनाडु सरकार टिक-टॉक ऐप को बैन करवाने के लिए केंद्र सरकार से बात करेगी।
उन्होंने यह भी कहा था कि यह ऐप बच्चों को गुमराह करने का काम कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि यह ऐप इंडोनेशिया और बांग्लादेश में पहले से ही बैन है।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि वह मामले पर बाद में विचार के लिए इसे खुला रख रही है। इस पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
बेंच ने कहा कि यह मामला फिलहाल हाई कोर्ट के विचाराधीन है और प्रतिबंध का आदेश मात्र एक अंतरिम आदेश है।
बड़ा फैसला
24 अप्रैल को क्या होगा?
टिक-टॉक पर लगी रोक के मामले मे मद्रास हाई कोर्ट में 24 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट से अपने फैसले पर विचार करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मद्रास इस दिन इस फैसले पर विचार नहीं किया जाता है तो टिक-टॉक पर लगी अंतरिम रोक हट जाएगी।
अब सभी को 24 अप्रैल का इंतजार है, जिस दिन टिक-टॉक को लेकर बड़ा फैसला आने वाला है।