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प्रवासी मजदूरों को योगी सरकार का तोहफा, सस्ती दर पर दिए जाएंगे घर और दुकान

प्रवासी मजदूरों को योगी सरकार का तोहफा, सस्ती दर पर दिए जाएंगे घर और दुकान

May 27, 2020
09:20 pm

क्या है खबर?

देश में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों परेशानियों का सामना करने के बाद अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रवासी मजदूरों के हित के लिए योगी सरकार बड़े-बड़े कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले प्रवासी मजदूरों को पंजीकृत कर राज्य में रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रवासी आयोग का गठन करने की घोषणा करने के बाद मंगलवार को सस्ती दर पर घर और दुकानें मुहैया कराने की घोषणा की है।

तैयारी

प्रवासी मजदूरों को घर मुहैया कराने के लिए यह है सरकार की तैयारी

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मजदूरों और शहरी निर्धन लोगों की अहम भूमिका है। अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम से झुग्गी बस्तियों व अनियोजित अवैध कालोनियों की समस्या का भी समाधान होगा। हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लिए जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन भवनों को भी चिह्नित किया जा सकता है जिनका ग्राउंड फ्लोर छोड़कर अन्य तल पर रेंटल कॉम्प्लेक्स बनाए जा सकते हैं।

प्राइवेट बिल्डर्स

प्राइवेट बिल्डरों को भी किया गया है शामिल

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय निकायों और प्राइवेट बिल्डर्स के प्रस्ताव के आधार पर बहुमंजिला इमारतों में श्रमिकों को कुछ जगह देने का निर्णय किया गया है। श्रमिकों के लिए जगह निश्चित करने पर सरकार द्वारा फ्लोर एरिया के रेशियो, GST और अन्य चीजों में बिल्डर को राहत देगी। सरकारी बिल्डिंगों में भी श्रमिकों के लिए डोरमेट्री और दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगीं। इन दुकानों में पानी, बिजली और सीवर की सुविधा होगी।

जानकारी

श्रमिकों को प्रशिक्षण मुहैया कराएगी सरकार

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि प्रवासी आयोग के तहत बाहर से आए श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, बीमा और प्रशिक्षण भी मुहैया कराया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान सभी श्रमिकों के परिवार के लिए इंटर्नशिप भत्ते का भी भुगतान किया जाएगा।

स्किल मैपिंग

पूरा हुआ 16 लाख प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग का कार्य

सरकार की और से घोषणा की गई है कि राज्य में अब तक लौटे 16 लाख प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इससे उन्हें राज्य की MSME में रोजगार मिलने की संभावना बढ़ गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि स्किल मैपिंग के अुनसार 1.5 लाख मजदूर रियल एस्टेट, 26,989 फर्नीचर, 26,041 भवन निर्माण डेकोरेटर्स, 12,633 होम डेकोरेटर्स, 10,000 ड्राइविंग, 4,680 इलेक्टि्रक और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े हैं।

जानकारी

स्किल मैपिंग में अन्य मजदूरों की यह आई तस्वीर

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि 5,884 मजदूर होम अप्लायंस तकनीशियन, 1,558 ऑटोमोबाइल तकनीशियन, 596 पैरामेडिकल और फार्मास्यूटिकल्स वर्कर्स, 12,103 ड्रेसमेकर, 1,274 ब्यूटीशियन, 1,284 हस्तकला और कालीन निर्माता और 3,364 सुरक्षा गार्ड कार्य क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

उम्मीद

स्किल मैपिंग के परिणामों ने बढ़ाई उम्मीदें

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 16 लाख मजदूरों की स्किल मैपिंग के परिणामों ने उम्मीदें बढ़ा दी है। अभी लाखों और मजदूरों के लौटने के इंतजार है। शेष की स्किल मैपिंग आगामी 15 दिनों में पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिकतर मजदूर विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष निकले हैं।सरकार की सोच है कि उनका प्रदेश में ही सही इस्तेमाल किया जाए तो बेहतर परिणाम मिलेंगे। इसके साथ ही 'वोकल फॉर लोकल' की रणनीति में भी इनका इस्तेमाल होगा।

मजदूर

सरकार ने की है 21.17 लाख मजदूरों के वापस लौटने की व्यवस्था

सरकार ने प्रदेश के 21.17 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए 1,454 ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था की है। राज्य में अब तक 1,265 ट्रेनों से करीब 17 लाख मजदूर वापस लौट चुके हैं और शेष का आना जारी है। उन्होंने बताया कि 199 ट्रेनों से 2.51 लाख मजदूर गोरखपुर, 86 ट्रेनों से 1.09 लाख लखनऊ पहुंचे हैं। इसी तरह गुजरात से 457 ट्रेनों से 6.60 लाख, महाराष्ट्र से 280 ट्रेनों से 3.80 लाख मजदूर वापस आए हैं।

घोषणा

उत्तर प्रदेश के लोगों को नौकरी देने से पहले लेनी होगी सरकार की इजाजत

बता दें कि गत 25 मई को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कामगारों की आवश्यकता होने और उत्तर प्रदेश के लोगों को काम पर रखने को लेकर अन्य राज्य सरकारों के सामने बड़ी शर्त रखी था। उन्होंने कहा था कि किसी भी राज्य की सरकार को उनके नागरिकों को रोजगार पर रखने के लिए पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। इसके अलावा सभी मजदूरों का बीमा और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने की भी शर्त रखी थी।